जमीन में दफ्न थे कंकाल, वैज्ञानिकों ने बाहर निकालकर किया DNA टेस्ट, हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

क्या कभी आपने सोचा है कि हमारे पूर्वज कैसे रहे होंगे, कैसे दिखते होंगे, क्या खाते होंगे, क्या पीते होंगे? इन सवालों ने बहुत से लोगों को रातों को जगाया होगा, बहुत से लोगों ने इनके बारे में अध्ययन भी किया होगा. पर हाल ही में वैज्ञानिकों ने हमारे पूर्वजों को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है.
दक्षिण अमेरिका के पहले निवासियों की कहानी में एक नया उलझाव तब आया जब कोलम्बिया के बोगोटा अल्टिप्लानो इलाके से मिले प्राचीन hunter-gatherer (शिकारी-संग्रहकर्ता) समूह के डीएनए विश्लेषण में पाया गया कि वे आधुनिक मानवों से बिल्कुल अलग थे. यह खोज दक्षिण अमेरिका के प्राचीन इतिहास को और जटिल बना देती है. पहले वैज्ञानिक मानते थे कि इंसान दक्षिण अमेरिका में अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया से समुद्री रास्तों से आए होंगे लेकिन अब तक की सबसे प्रचलित थ्योरी यह रही कि लगभग 20,000 साल पहले साइबेरिया से अलास्का के हिम पुल के रास्ते मानव उत्तर अमेरिका में पहुंचे, और वहां से कई बार की प्रवासन लहरों ने उन्हें दक्षिण अमेरिका तक पहुंचाया.
21 मानव अवशेषों पर हुआ शोध
दक्षिण अमेरिका में पाए गए सबसे पुराने मानव अवशेष, जैसे ब्राजील में मिले 12,000 साल पुराने “लूज़िया” कंकाल, इस प्रवासन से जुड़े हुए हैं. इसके बाद लगभग 9,000 और फिर 5,000 साल बाद दूसरी और तीसरी प्रवासन लहर आई लेकिन कोलम्बिया, जो मध्य और दक्षिण अमेरिका के बीच का मुख्य रास्ता है, पुरातात्विक और डीएनए अध्ययन में अब तक ज्यादा ध्यान में नहीं रहा. हाल ही में शोधकर्ताओं ने बोगोटा के पांच पुरातात्विक स्थलों से मिले 21 मानव अवशेषों का विश्लेषण किया, जिनकी आयु 6,000 से 500 साल के बीच थी. शोध में पाया गया कि लगभग 6,000 साल पुराने इस hunter-gatherer समूह के जीन क्लोविस (Clovis) लोगों से संबंधित नहीं थे, जो अमेरिका के शुरुआती ज्ञात निवासी थे. ये लोग न तो कैलिफ़ोर्निया के पुराने द्वीपवासियों से मिलते-जुलते थे और न ही किसी आधुनिक या प्राचीन मध्य या दक्षिण अमेरिकी समुदाय से.
अचानक 2000 साल पहले गायब हो गया था रहस्यमयी समूह
इसका मतलब यह है कि बोगोटा के इस उच्च मैदान में रहने वाले पहले लोग क्लोविस लोगों के वंशज नहीं थे और उन्होंने बाद की दक्षिण अमेरिकी आबादियों में कोई जीन योगदान नहीं दिया. उनकी जीन संरचना बिल्कुल अलग थी. यह रहस्यमय समूह लगभग 2,000 साल पहले अचानक गायब हो गया. ऐसा लगता है कि इस क्षेत्र में नई आबादी आई जिसने खेती, मिट्टी के बर्तन बनाने की कला, और चिब्चन भाषाएं (जो आज भी मध्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में बोली जाती हैं) साथ लेकर आई. ट्यूपिंगेन विश्वविद्यालय की किम-लुईस क्रेटेक ने कहा, “उन जीनों का बाद में कोई प्रसार नहीं हुआ. इसका मतलब है कि बोगोटा क्षेत्र में पूरी आबादी का परिवर्तन हुआ.” यह बदलाव प्राचीन प्रीसिरेमिक युग से हेरेरा युग की ओर सांस्कृतिक संक्रमण के साथ मेल खाता है. अध्ययन में इसे “क्षेत्र के मूल निवासियों का पूर्ण प्रतिस्थापन” बताया गया है. कोलम्बिया की राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की शोधकर्ता आंद्रेया कासास-वारगास ने कहा, “मूल आबादी के जीन निशान पूरी तरह गायब होना असामान्य है.”