जब बात-बात पर पार्टनर सुनाने लगे ताने, तो 5 तरीकों से हैंडल करें सिचुएशन

रिश्ते सिर्फ प्यार और खुशियों से नहीं चलते, बल्कि उन्हें निभाने के लिए समझदारी, सब्र और सही संवाद भी जरूरी होता है, लेकिन जब पार्टनर हर छोटी-बड़ी बात पर ताने मारने लगे, तो ये धीरे-धीरे रिश्ते को अंदर ही अंदर खोखला करने लगता है।

ताने सुनना ना सिर्फ मन को चोट पहुंचाता है, बल्कि आत्मसम्मान को भी ठेस देता है। ऐसे में, सवाल उठता है- क्या चुप रहना ही बेहतर है? या फिर हर बात पर जवाब देना? असल में, जरूरत है उस स्थिति को समझदारी से हैंडल करने की। आइए जानते हैं 5 ऐसे असरदार तरीके, जिनसे आप बिना बहस या नाराजगी के रिश्ते को संभाल सकते हैं और दरार आने से रोक सकते हैं।

शांति से समझाएं, गुस्से में नहीं
जब पार्टनर ताना मारे, तो तुरंत रिएक्ट करने से बचें। उस वक्त चुप रह जाना कमजोरी नहीं, समझदारी होती है। बाद में जब माहौल थोड़ा शांत हो, तो बिना आरोप लगाए उनसे बात करें।

उदाहरण: “जब आप ऐसी बातें कहते हैं, तो मुझे दुख होता है। क्या हम इस पर आराम से बात कर सकते हैं?” बता दें, इस तरह की बातचीत उन्हें सोचने पर मजबूर करेगी।

हर ताने का जवाब देना जरूरी नहीं
कुछ बातें सिर्फ पल का गुस्सा होती हैं। हर बात का जवाब देना या खुद को सही साबित करने की कोशिश रिश्ते को और जटिल बना सकती है। कभी-कभी चुप्पी सबसे बड़ा जवाब होती है। जब पार्टनर को लगेगा कि उनकी बात का कोई असर नहीं हो रहा, तो वह खुद ही रुकेंगे।

पार्टनर की फीलिंग्स को समझने की कोशिश करें
ताने हमेशा नफरत से नहीं, कई बार दबी हुई नाराजगी या तनाव की वजह से भी आते हैं। हो सकता है वो किसी बात से परेशान हों, लेकिन उसे सही तरीके से कह नहीं पा रहे हों।

ऐसे में, उनकी बात को सिर्फ आलोचना ना समझें, बल्कि उसके पीछे की भावना जानने की कोशिश करें। इससे आप दोनों के बीच का भावनात्मक जुड़ाव और गहरा होगा।

बाउंड्री सेट करें
रिश्ते में प्यार जरूरी है, लेकिन आत्मसम्मान भी उतना ही जरूरी है। अगर बार-बार ताने सहना आदत बन जाए, तो सामने वाले को ये सामान्य लगने लगता है। इसलिए एक बार स्पष्ट रूप से कहें कि “मैं आपके साथ हूं, लेकिन बार-बार इस तरह की बातें मुझे अंदर से तोड़ती हैं।” बाउंड्री सेट करना रिश्ते को और मजबूती देता है।

जरूरत पड़े तो प्रोफेशनल मदद लें
अगर तानों का सिलसिला थमता नहीं और रिश्ता तनाव से भरता जा रहा है, तो किसी रिलेशनशिप काउंसलर या थेरेपिस्ट की मदद लेना समझदारी होगी। कई बार तीसरे नजरिये से चीजें ज्यादा साफ हो जाती हैं, और आप दोनों बेहतर कम्युनिकेशन कर पाते हैं।

ध्यान रहे, हर रिश्ता परफेक्ट नहीं होता, लेकिन उसे बेहतर बनाया जा सकता है। ताने रिश्ते में जहर घोल सकते हैं, लेकिन अगर उन्हें समझदारी, सेंसिटिविटी और खुली बातचीत से हैंडल किया जाए, तो हर मुश्किल आसान हो सकती है।

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