जब फोन पर पूछा गया- कहां हैं, तो मोदी बोले- शमशान में

मल्टीमीडिया डेस्क। नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक पुराना, लेकिन दिलचस्प घटनाक्रम सामने आया है। बात अक्टूबर 2001 की है। तब प्रधानमंत्री कार्यालय से आए उस फोन ने सियासी गलियारों से मोदी का वनवास खत्म कर दिया था और उन्हें गुजरात की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तब किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह शख्स एक दिन देश का प्रधानमंत्री बन जाएगा।जब फोन पर पूछा गया- कहां हैं, तो मोदी बोले- श्मशान में

दरअसल, तब कांग्रेस नेता माधव राव सिंधिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उसमें सिंधिया समेत आठ लोग मारे गए थे। मृतकों में कैमरामैन गोपाल बिष्ट भी शामिल थे।

बीबीसी के मुताबिक, मोदी नई दिल्ली में बिष्ट के अंतिम संस्कार में हिस्सा ले रहे थे। तभी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी के कार्यालय से फोन आया। सामने से पूछा गया, ‘कहां हैं आप।’ मोदी ने कहा- ‘श्मशान में हूं।’ सामने से पलटकर कहा गया- ‘आकर मिलिए।’

इसके मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे और अटलजी से मिले, जिन्होंने मोदी को गुजरात संभालने की जिम्मेदारी सौंपी। श्मशान में आए इस फोन का दिलचस्प विवरण वाजपेयी पर लिखी गई किताब “हार नहीं मानूंगा” (एक अटल जीवन गाथा) में किया गया है।

खबर के मुताबिक, जब मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया तब वे पार्टी के महासचिव अवश्य थे लेकिन राजनीतिक तौर पर उनकी हैसियत बहुत अच्छी नहीं थी।

 

वे जिन राज्यों में पार्टी के प्रभारी थे, वहां पार्टी चुनाव हार गई थी। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में पार्टी को चुनावी हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन उसके बाद जो कुछ हुआ वो इतिहास है।

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