जब एक बार टूट जाए भरोसा तो फिर से कैसे करें यकीन, मदद करेंगे एक्सपर्ट के ये टिप्स

रिश्ते में धोखा खाए लोगों की तो मानों दुनिया ही उजड़ जाती है उन्हें भरोसे जैसे शब्द से चिढ़ होने लगती है। इतने गंभीर साइकोलॉजिकल ट्रॉमा से बाहर लाने के लिए ऐसा क्या किया जाए कि उनके अंदर फिर से भरोसे की लौ जलाई जा सके। इस बारे में बता रहे हैं हमारे एक्सपर्ट।
आजकल हर तरफ ही चीटिंग या धोखे की खबरें सुर्खियों में हैं। लगभग हर दिन ही ऐसी खबरें सुनने को मिलती रहती हैं। आखिर रिश्तों में ऐसा क्या बदल गया है कि धोखा इतना आम होता नजर रहा है। जो भी व्यक्ति इस पीड़ा से गुजरता है उन्हें डिप्रेशन, एंग्जायटी, आत्मविश्वास की कमी जैसी समस्याएं होने लगती हैं, उन्हें इससे कैसे बहार निकाला जाए और कैसे फिर से उनमें भरोसे का भाव जगाया जाए, आइए जानते हैं लखनऊ के साइकोलॉजिस्ट राजेश पाण्डेय से।
मेरे साथ ही क्यों
रिश्ते में धोखा खाना बेहद तकलीफदेह है, लेकिन यह मेरे साथ हुआ उसे स्वीकारना भी जरूरी है। ऐसा करने से गुस्सा, चिढ़, नींद ना आने की परेशानी हो सकती है। जिनके साथ उनके पार्टनर ने धोखा किया उनके मन में यह विचार भी उठ सकता है कि आखिर उनके साथ ही ऐसा क्यों हुआ। हम इसे जितनी जल्दी स्वीकार करेंगे, उतनी जल्दी आगे मूव कर पाएंगे।
निर्णय लें कि साथ रहना है या छोड़ना
यह फैसला आपके हाथ में है कि इसके बाद आपको अपने पार्टनर के साथ रहना है या नहीं। क्या उसे दूसरा मौका देना है या आपको आगे बढ़ना है। ऐसा करते हुए आपको कई सारे पहलुओं पर सोच-विचार करने की जरूरत है।
बातचीत कर सकते हैं
इस मुद्दे पर आप अपने पार्टनर से बात कर सकते हैं कि ऐसा क्यों हुआ। लेकिन उसकी तह में जाने से बचें। ऐसा करने से आपको और भी ज्यादा तकलीफ होगी और लंबे समय तक आप उससे निकल नहीं पाएंगे। बातचीत से आपको निर्णय लेने में आसानी होगी और आपकी हीलिंग भी हो पाएगी।
इस तरह करें रीस्टार्ट
भरोसा करना शुरू करें: किसी पर फिर से विश्वास करने में वक्त लगता है, यह एक लंबी प्रक्रिया है। यह रातोंरात होने वाला बदलाव नहीं। धोखा खाने वाले व्यक्ति को नॉर्मल लाइफ की तरफ बढ़ने में छह महीने से सालभर का वक्त लग जाता है। इस मामले में वक्त ही सबसे बड़ा हीलर माना जाता है।
गलतियों को दोहराना नहीं है: विश्वास करने का मतलब ब्लाइंड ट्रस्ट करना नहीं है। फूंक-फूंककर कदम रखें, पुरानी गलतियों को फिर से दोहराएं नहीं। कोई ऐसी चीज जो आपको धोखे को लेकर सतर्क करती हो, उसे जरूर सीखें। आपको आगे अपनी समझ और सूझबूझ का इस्तेमाल करना है।
एक्सपर्ट की मदद लें: अगर लाख कोशिशों के बाद भी आपके अंदर भरोसे का भाव फिर से नहीं आ रहा है तो आपके ब्रेन में कुछ ऐसे बदलाव हुए हैं जिसके लिए एक्सपर्ट की मदद ली जा सकती है। किसी काउंसलर या थैरेपिस्ट से मिलें। किसी अनुभवी व्यक्ति से अपने मन की बात कहना जरूरी है, जो सिर्फ आपकी बात सुनें ही नहीं, बल्कि उसका हल भी दे। इससे रिजल्ट ज्यादा बेहतर और जल्दी मिलते हैं।
इस तरह गहरा होगा विश्वास
छोटे-छोटे स्टेप लेकर ही आप भरोसे की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं। बाहर घूमने जाएं, साथ में लंच या डिनर करें। खुद को मेंटली और फिजिकली स्वस्थ रखें।
सेक्सुअल बॉन्डिंग भी एक अच्छे रिश्ते की नींव होती है। फीमेल पार्टनर को भी इसमें एक्टिव रहने की जरूरत है। यदि यह बॉन्डिंग स्ट्रॉन्ग नहीं होती है, तो उससे भी रिश्तों में दूरियां आ जाती हैं।
अगर आप इस रिश्ते को देना चाहते हैं एक और मौका
अगर आपको लगता है कि रिश्तों में आई दरार के लिए आपकी भी कहीं न कहीं गलती है और आप इसे एक और मौका देना चाहते हैं, तो बार-बार पिछली बातों को दोहराने से बचें। कम्युनिकेशन बनाए रखें और एक-दूसरे को सपोर्ट करें। लेकिन पहले से ज्यादा अलर्ट रहने और समझदारी से काम लेने की जरूरत है।