जनवरी से शुरू हो जाएगी 5जी सेवा, मुफ्त में मिलेगी ये सबसे बडी सुविधा
नई दिल्ली। भारत में जल्द ही इंटरनेट में नई क्रांति आने वाली है अगले महीने केंद्र सरकार टेलीकॉम कंपनियों को 5जी शुरू करने के लिए फ्री ट्रायल दे सकती हैं। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि हम सभी टेलीकॉम कंपनियों को ट्रायल के लिए 5 जी स्पेक्ट्रम मुफ्त में देंगे।
इसके पहले गुरुवार को दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम रेट्स को लेकर ट्राई से बातचीत करने की बात कही थी। इस दौरान भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण इस बारे में अपनी राय रखने की बात कही थी। आपको बता दें कि दूरसंचार विभाग ने साल 2020 तक नए स्पेक्ट्रम को बेचने का प्लान बनाया है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया कि डिजीटल संचार आयोग 20 दिसंबर को 5.22 लाख करोड़ की स्पेक्ट्रम नीलामी की योजना को मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें कि नया 5 जी स्पेक्ट्रम इससे अलग है। डीसीसी मंजूरी के तहत मार्च-अप्रैल, 2020 में 22 सर्किलों में 8,300 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा जाएगा, जिसके बाद देश में 5जी का रास्ता खुल गया है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया कि सरकार जल्दी ही 24.75-27.25 गीगाहर्ट्ज वाले ‘मिलीमीटर वेव बैंड’ के लिए ट्राई के सुझाव मांगेगी। यह 5जी के लिए सबसे ज्यादा डिमांड वाला बैंड है। सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग इन अतिरिक्त 5जी बैंड के लिए जनवरी में नियामक से संपर्क भी करेगा।
आपको बता दें कि भारत में कोरिया के मुकाबले ज्यादा महंगे स्पेक्ट्रम हैं। कोरिया में 5जी की प्रति यूनिट के लिए टेलीकॉम कंपनियों के लिए 65 करोड़ रुपये का बेस प्राइस है जबकि भारत में यही दाम 492 करोड़ रुपये है।
आपको बता दें कि ट्राई ने 20 मेगाहर्ट्ज के ब्लॉक में रेडियोवेव की सिफारिश की है। यानी 100 मेगाहर्ट्ज की वॉल्यूम खरीदने के लिए, एक ऑपरेटर को कम से कम 50,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा।