चुनावी दंगल भाजपा और कांग्रेस की असल परीक्षा, अपने घर में घेरने का दोनों ओर से दांव

नामांकन वापसी के बाद अब चुनावी दंगल में असल परीक्षा भाजपा और कांग्रेस की चुनावी प्रबंधन की है। दोनों ओर से बनने वाली चुनावी रणनीति में भाजपा कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को उन्हीं के क्षेत्रों में घेरने की है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भाजपा वीरभद्र सिंह को अर्की में घेरेबंदी करने तो कांग्रेस नेता नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर विधानसभा में सीमित रखने का दांव खेलने की तैयारी में है।चुनावी दंगल भाजपा और कांग्रेस की असल परीक्षा, अपने घर में घेरने का दोनों ओर से दांव
अर्की और सुजानपुर में दोनों ओर से आक्रामक प्रचार किया जाना है। यही स्थिति दोनों दलों के वजीरों यानी प्रदेश अध्यक्षों की रहने वाली है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू की सीटों पर मौजूदा चुनावी समीकरण कांटे के हैं।

ऐसे में राजा और वजीरों के अपने क्षेत्रों से बाहर प्रचार करने पर विरोधी उनकी सियासी जमीन खिसकाने का चक्रव्यूह रचने की तैयारी में हैं। दोनों प्रमुख दलों के सामने अब प्रचार अभियान से एक-दूसरे को घेरने की रणनीति पर काम करना है। कांग्रेस में प्रचार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इर्द गिर्द घूमता दिख रहा है। नामांकन भरने के बाद वीरभद्र लगातार प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों में घूम रहे हैं। उनकी रोजाना तीन से ज्यादा जनसभाओं के कार्यक्रम कांग्रेस ने तय किए हैं।

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भाजपा वीरभद्र सिंह को अर्की में बांधने की बना रही रणनीति

पार्टी की कोशिश 68 विधानसभाओं में उनकी कम से कम एक जनसभा या रैली करवानी है। हालांकि राहुल-सोनिया समेत कई स्टार भी रैलियों के लिए पहुंचेंगे, लेकिन वीरभद्र ही प्रमुख चेहरा रहने वाले हैं। भाजपा के रणनीतिकार कांग्रेस की वीरभद्र पर निर्भरता का लाभ उनके विधानसभा क्षेत्र में उठाने का दांव खेलने की तैयारी में हैं।

विधानसभा चुनाव में पहली बार वीरभद्र शिमला जिले से बाहर चुनाव लड़ने उतरे हैं। भाजपा ने अर्की में संघ को हर घर में दस्तक देने की जिम्मेदारी तय कर दी है। इसके अलावा प्रदेश चुनाव प्रभारी थावर चंद गहलोत और प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय इस सीट पर विशेष फोकस रख रहे हैं।

भाजपा वहां अपना ग्राउंड मजबूत करने के लिए पीएम मोदी तक की रैली करवाने की तैयारी में है। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की कमोबेश स्थिति वीरभद्र जैसी है। धूमल भी नई सीट सुजानपुर से पहली बार लड़ रहे हैं। धूमल पार्टी के प्रदेश में बड़े चेहरों से एक हैं, जिनका इस्तेमाल पार्टी दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में करेगी।

पार्टी ने धूमल की अन्य विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार ड्यूटी लगा दी है। भाजपा ने रणनीति के तहत शुरुआती चरण में धूमल से प्रचार करवाने का कार्यक्रम जारी किया। प्रचार तेज होने पर धूमल को अगर सुजानपुर में अधिक समय देना पड़े तो आखिरी चरण में उनके पास पर्याप्त समय रहे।

सुक्खू, सत्ती की भी है परीक्षा

दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्ष अपने विधानसभा क्षेत्रों में ताकत लगाए हुए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती के लिए ऊना सीट को बचाने की चुनौती है, जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू के सामने नादौन में हार का सिलसिला तोड़ने को पसीना बहाना पड़ रहा है।
दोनों अध्यक्षों को उनके चुनावी क्षेत्रों में समिति रखने के लिए विपक्षी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। भाजपा के पहले दौर के जारी प्रचार कार्यक्रम में केवल धूमल ही एकमात्र नेता हैं जो दूसरी जगह प्रचार को जा रहे हैं।

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कांग्रेस में अभी तक सुक्खू का कोई चुनावी कार्यक्रम अन्य क्षेत्रों का जारी नहीं हुआ है। हालांकि जब दोनों ओर के बड़े स्टार प्रचार में मैदान में उतरेंगे तो प्रदेश अध्यक्षों को अपने क्षेत्र से निकल कार्यक्रमों का हिस्सा बनने की मजबूरी रहेगी। 
 
 
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