चीन को लगी मिर्ची, इस छोटे से देश ने दे डाली धमकी..

एक छोटे से देश के सीनेट स्पीकर ने ताइवान का दौरा कर चीन को चुनौती दी तो उसने धमकी जारी कर दी. दरअसल, चेक रिपब्लिक के सीनेट स्पीकर मिलोस विस्ट्रसिल ने हाल ही में ताइवान का दौरा किया था. चीन के शीर्ष राजनयिक ने सोमवार को चेक रिपब्लिक को धमकी दी कि उसे अपने इस कदम की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. ताइवान, वन नेशन, टू सिस्टम के तहत चीन का हिस्सा है. जब भी कोई देश ताइवान के साथ चीन से अलग स्वतंत्र संबंध बनाने की कोशिश करता है तो चीन इसे लेकर कड़ा ऐतराज जताता है.

विस्ट्रसिल रविवार को ताइवान की राजधानी ताईपेइ पहुंचे थे. चेक गणराज्य के सीनेट स्पीकर विस्ट्रसिल ने ताइवान के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. चेक रिपब्लिक ने कहा है कि वो बीजिंग की आपत्तियों के सामने घुटने नहीं टेकेगा.

जर्मनी में संवाददाताओं की ओर से इस दौरे को लेकर किए गए सवाल पर चीनी स्टेट काउंसलर वांग यी ने कहा कि इसके गंभीर नतीजे होंगे. चीन के विदेश मंत्रालय ने वांग को कोट करते हुए लिखा, चीन की सरकार और चीनी लोग हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रहेंगे और चेक रिपब्लिक के सीनेट स्पीकर विस्ट्रसिल को जल्दबाजी में उठाए गए कदम और राजनीतिक अवसरवाद की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.

वांग ने कहा, चीन की सरकार और यहां के लोग विस्ट्रिसिल के उकसाने वाले कदम और उनके साथ एकजुट चीन विरोधी ताकतों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हालांकि, वांग ने ये स्पष्ट नहीं किया कि बीजिंग चेक रिपब्लिक के खिलाफ क्या कदम उठाएगा.

ताइवान की वित्त मंत्री वांग मे हुआ ने इस आलोचना को खारिज कर दिया. हालांकि, चीन की ओर से विस्ट्रसिल को दी गई चेतावनी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, चेक रिपब्लिक और ताइवान दो स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश हैं जो मानवाधिकारों को तवज्जो देते हैं. चेक रिपब्लिक से हमारे मूल्य मिलते-जुलते हैं.

हालांकि, विस्ट्रसिल ने ताइवान दौरे पर चीन पर सीधे तौर पर कोई हमला नहीं बोला. उन्होंने अपनी छोटी सी स्पीच में कहा कि वह ताइवान के साथ व्यापारिक संबंधों को आगे ले जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, स्वतंत्रता और लोकतंत्र हमारी समृद्धता का आधार है. विस्ट्रसिल ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन से भी मुलाकात करेंगे.

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