चीनी जासूस डिक्सन येओ ने उड़ाई अमेरिका की नींद, सामने आई ये चौका देने वाली रिपोर्ट…
सिंगापुर के एक नागरिक डिक्सन येओ ने चीन का जासूस होने के जुर्म को स्वीकार कर लिया है. इसकी जानकारी अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने दी. जांच में पाया गया था कि डॉक्टरेट में डिक्सन येओ की रिसर्च चीन की विदेश नीति से जुड़ी हुई थी.
बीबीसी के मुताबिक उसकी प्रेजेंटेशन के बाद जुन वेई, जिसे अमरीकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक डिक्सन के नाम से भी जाना जाता है, उसके संपर्क में ऐसे कई लोग आए जिन्होंने उसे बताया कि वो चीनी थिंक टैंक्स के लिए काम करते हैं. इसके बाद उसने बताया कि वो उससे राजनीतिक रिपोर्ट्स और जानकारियां मुहैया कराने के लिए पैसे देंगे. वो समझ गया कि वो चीनी ऐजेंट हैं और उसने काम करना शुरू कर दिया.
डिक्सन ऐसे बना चीन का जासूस
पहले डिक्सन से दक्षिण पूर्व एशिया के देशों पर फोकस करने को कहा गया, लेकिन बाद में उनकी दिलचस्पी हटकर अमेरिकी सरकार पर टिक गई. इस तरह से डिक्सन चीनी एजेंट बन गया. वे प्रोफेशनल नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन का इस्तेमाल करने लगा, उसने एक फेक कंसल्टिंग कंपनी का सहारा लिया और अमरीकी टारगेट्स को जाल में फंसाने के लिए एक शिक्षक बनकर इस साइट का इस्तेमाल करने लगा.
सिंगापुर के नागरिक जुन वेई येओ उर्फ डिक्सन येओ ने अमेरिका के भीतर विदेशी ताकत का अवैध एजेंट होने के जुर्म को स्वीकार करने वाली याचिका दाखिल की. न्याय मंत्रालय की राष्ट्रीय सुरक्षा इकाई के लिए अमेरिका के सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स ने कहा कि चीनी सरकार ऐसे अमेरिकियों से संवेदनशील जानकारी जुटाने के लिए छल कपट का जाल बुनती है जिन पर किसी तरह का संदेह नहीं होता.
लिंक्डइन के जरिए अमेरिका के नागरिकों को फंसाया
अमेरिका के सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स ने कहा कि चीनी सरकार ऐसे अमेरिकियों से संवेदनशील जानकारी जुटाने के लिए छल कपट का जाल बुनती है जिन पर किसी तरह का संदेह नहीं होता. डेमर्स ने कहा, ‘येओ भी एसी ही एक योजना के केंद्रर में था और करियर नेटवर्किंग साइट और फर्जी कंसल्टिंग साइट के जरिए ऐसे अमेरिकी नागरिकों को फंसाता था जो चीन की सरकार के काम आ सकते हों. यह अमेरिकी समाज के खुलेपन का फायदा उठाने के चीन की सरकार के उत्पीड़न का एक और उदाहरण है.’