चार सगे भाईयों संग चार सगी बहनों ने लिए सात फेरे

आपने अक्सर सुना होगा कि एक ही मंडप में भाई और बहन की शादी कर दी जाती है। घर की बेटी को विदा करने के साथ ही घर में बहु के रुप में दूसरी बेटी आ जाती है। ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ में देखने को मिला।छत्तीसगढ़ के जांजगीर-बिर्रा में एक नहीं बल्कि चार सगी बहनों की शादी एक ही परिवार के लड़कों के साथ हुई। जी हां- इन बहनों के बीच इतना प्यार था कि उन्होंने साथ रहने का संकल्प ले लिया था। इसी संकल्प के साथ एक ही परिवार में साथ रहने के लिए एक ही परिवार के चार सगे भाइयों के साथ सात फेरे लिए। सबके लिए लड़कियों की तरफ से एक बाइक व एक फ्रिज दी गई जो पूरे परिवार के काम आएगी। ये एक ऐसी अनोखी शादी है जिसे देखने के लिए गांव के अधिकांश लोग पहुंच गए। बम्हनीडीह ब्लॉक के ग्राम मल्दा में हुआ ये अनोखी शादी।

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चार सगे भाईयों संग चार सगी बहनों ने लिए सात फेरे

जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। इस शादी में एक मंडप में एक साथ चार सगी बहनों ने चार सगे भाइयों के साथ मंगल फेरे लिए। मल्दा के रहने वाले धनाराम की चार बेटियां हैं। जिनका नाम सुनीता, दुर्गा, शारदा और राधा है। धनाराम ने अपनी चारों बेटियों की शादी कटौद के रहने वाले लकेशराम कश्यप के चार बेटों मालिकराम, सालिकराम, हर प्रसाद और हरिराम के साथ हुई।एक साथ दूल्हा बने चारों भाईयां बारात लेकर पहुंचे। ये नजारा वाकई देखने लायक था। रामायणकाल में राजा दशरथ के चार सुपुत्र की शादी मिथला नरेश की चार पुत्रियों के साथ होनी की चर्चा यहां होती रही। एक साथ चार सगी बहनों की शादी चार सगे भाइयों के साथ होने को लेकर बारात आने पर घराती पक्ष में तो उत्साह रहा ही, वहीं वर पक्ष के गांव कटौद में भी चार बहनों के एक साथ एक ही घर में चार भाइयों के लिए बहू बनकर आने को लेकर भारी उत्साह है।

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