चार घंटे की बैठक में गोल-मोल जवाब, Indigo और DGCA से संतुष्ट नहीं संसदीय समिति

बड़ी संख्या में इंडिगो की उड़ानों के रद होने से यात्रियों को हुई कठिनाई के मामले का परीक्षण अब संसदीय समिति कर रही है।

बुधवार को समिति के समक्ष इंडिगो के सीओओ इसिद्रो पोरकुएरस और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने पेश होकर हफ्ते भर से ज्यादा समय तक रही मुश्किल स्थिति पर अपने पक्ष रखे।

इस मामले में संसदीय समिति ने एयरलाइन कंपनी और नागरिक उड्डयन के महानिदेशक (डीजीसीए) के जवाबों को कपटपूर्ण और अस्पष्ट-दुविधा में डालने वाला माना है।

किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची समिति

परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मामलों की संसद की स्थायी समिति के प्रमुख जदयू नेता संजय झा अभी मामले को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जांच रिपोर्ट आने तक इंतजार करने का फैसला किया है। इस मामले में हजारों यात्री देश भर के हवाई अड्डों पर कई दिनों तक फंसे रहे, इस दौरान उन्होंने कई तरह का नुकसान और कठिनाई भुगती।

सूत्रों के अनुसार, समिति के कई सदस्य सांसदों ने पूछा कि इस तरह की स्थिति का सामना करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय क्या तैयार नहीं था? यह स्थिति फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन व्यवस्था लागू करने से हुई या फिर इंडिगो ने इस व्यवस्था से छूट पाने के लिए जान-बूझकर अराजक स्थिति पैदा होने दी?

इंडिगो ने तकनीक कारणों को ठहराया जिम्मेदार

स्थायी समिति की बैठक में पाया गया इंडिगो और डीजीसीए के जवाबों में उड़ानों के रद होने और उससे पैदा हुई अराजकता के लिए तकनीक कारणों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई। इन जवाबों में जिम्मेदारी लेने का भाव नहीं है। बुधवार को करीब चार घंटे चली संसदीय समिति की बैठक में एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकाशा और स्पाइस जेट के अधिकारी भी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी नियुक्त की है। माना जा रहा है कि यह कमेटी 28 दिसंबर तक केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट दे देगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button