चमकी बुखार हो रही मौतों के मामले में SC ने बिहार और केंद्र सरकार से सात दिन में मांगा जवाब….
बिहार (Bihar) में चमकी बुखार (Acute Encephalitis Syndrome, AES) से बच्चों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने गहरी चिंता जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से बच्चों की मौत पर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार को निर्देश दिया है कि वह बताए कि राज्य में इलाज, न्यूट्रीशन और डॉक्टरों की स्थिति क्या है। अदालत ने राज्य सरकार को इन सवालों के जवाब के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त आदेश बिहार में चमकी बुखार (Acute Encephalitis Syndrome, AES) से हो रही मौतों के मामले में दाखिल दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिए। याचिका में सरकार को बिहार में इलाज के पर्याप्त बंदोबस्त करने और प्रभावित इलाकों में 100 मोबाइल आइसीयू बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिकाओं में इलाज को लेकर हुई लापरवाही की जिम्मेदारी भी तय करने का आग्रह किया गया था।
याचिका में दावा किया गया था कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है।सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने अदालत को बताया कि बीमारी के इलाज के लिए जरूरी उपाय किए गए हैं और स्थिति काबू में है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है। अदालत ने बीमार बच्चों के इलाज की बाबत यूपी और बिहार सरकार से सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
इस बीच, एईएस प्रभावित भगवानपुर प्रखंड के हरिवंशपुर गांव में रविवार को पहुंचे लालगंज के लोजपा विधायक राजकुमार साह को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। गांव में एईएस से सात बच्चों की मौत के दो सप्ताह बाद पहुंचे स्थानीय विधायक को देखते ही ग्रामीणों ने घेर लिया और अपशब्द कहने लगे। कुछ ने हाथ चलाने की भी कोशिश की। सदर एसडीएम ने विधायक को ग्रामीणों के चंगुल से निकाला। हरिवशंपुर गांव लालगंज विस क्षेत्र में पड़ता है। लोगों का गुस्सा था कि एक के बाद एक गांव में सात बच्चों की मौत हो गई, दो सप्ताह तक विधायक मातमपुर्सी करने तक नहीं आए।