घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के ग्रामीणों को हो रही दिक्कतें
नदी के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है। नदी खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिससे बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के ग्रामीणों को दिक्कतें हो रही हैं। मार्गों पर पानी भर गया है। पशुओं के चारे की भी चिता सता रही है। ऐसे में लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। हालांकि प्रशासन सतर्कता बरतने का दावा कर रहा है।
बीते 12 जुलाई की रात 10 बजे तक नदी का जल स्तर 106.686 मीटर पर पहुंच गया था। जो खतरे के निशान से 61 सेंटीमीटर ऊपर था। उस दिन नकहरा ग्राम पंचायत के सात मजरे बाढ़ के पानी से प्रभावित थे। वहीं माझा रायपुर पूरी तरह से जलमग्न था। अधिकतर ग्रामीण अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंच चुके थे। इसके बाद नदी के जल स्तर में गिरावट शुरू हो गया। मगर 17 जुलाई को 12 बजे के बाद से पुन: जल स्तर में इजाफा होने लगा, जो लगातार बढ़ रहा है। रविवार को घाघरा नदी खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। वर्तमान में एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर 106.226 मीटर है। अयोध्या में सरयू का जलस्तर 92.390 मीटर है। जबकि गिरजा, शारदा व सरयू बैराज से 261860 क्यूसेक पानी नदी में डिस्चार्ज हो रहा है।
माझा रायपुर में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिससे यहां पर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एसडीएम ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि नदी के जल स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। जिस पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को कोई असुविधा नहीं होने दी जायेगी। सिचाई विभाग के अवर अभियंता एमके सिंह ने बताया कि नदी का जल स्तर घटने बढ़ने से तटबंध पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उमरी: उमरी क्षेत्र में भी बाढ़ को लेकर संकट बढ़ता जा रहा है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि सतर्कता बरती जा रही है।