लखनऊ.यूपी सरकार ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सस्पेंड प्रिंसिपल राजीव मिश्रा की पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को भी शुक्रवार को सस्पेंड कर दिया। जांच समिति के रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया उन पर लगे आरोप सही पाए हैं। बताया जाता है कि बीआरडी में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में कमीशनबाजी का खेल हुआ है, जिसमें पूर्णिमा शुक्ला का नाम सामने आ रहा है। सूत्रों की मानें तो मेडिकल कॉलेज में पूर्णिमा शुक्ला का ही राज चलता था।
आगे पढ़िए पूरा मामला…
– बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में 7 अगस्त से लेकर 12 अगस्त तक 30 बच्चों समेत 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि ये मौतें हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने की वजह से हुईं।
– कहा जा रहा है कि पुष्पा सेल्स नाम की कंपनी ने पेमेंट बकाया होने की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रोक दी थी। कंपनी ने कहा कि हमने 14 रिमांडर भेजे, लेकिन इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कोई एक्शन नहीं लिया।
– बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को 12 अगस्त को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद उन्होंने कहा, मैंने अपनी जिम्मेदारी मानते हुए सस्पेंशन से पहले ही इस्तीफा सौंप दिया था।
– इसके बाद 13 अगस्त को योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बंद कमरे में यहां के स्टाफ की क्लास लगाई। विजिट के बाद सीएम योगी ने कहा कि बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हर मुमकिन कदम उठाया जाएगा।
– इसी दिन हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेट और वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर कफील खान को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह डॉ. भूपेंद्र शर्मा को अप्वाइंट किया गया।
पूर्णिमा शुक्ला पर ये लग रहे हैं आरोप
-बताया जाता है कि हॉस्पिटल में कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक पूर्णिमा शुक्ला ही डील करती थी। कमीशनबाजी के कारण ही ऑक्सीजन सप्लायर को पेमेंट नहीं किया जा रहा था। इस मामले में पूर्णिमा का नाम सामने आ रहा है।
-इस ममले में आयुष विभाग ने विशेष सचिव यतीन्द्र मोहन, निदेशक विनोद कुमार विमल और संयुक्त सचिव ऋषिकेश दुबे की तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी। जांच समिति ने गोरखपुर जाकर शिकायत करने वालों कर्मियों से बात की थी। सभी ने पूर्णिमा शुक्ला के खिलाफ लगे आरोपों की पुष्टि की और कमीशन के खेल का खुलासा किया।