गैस और कब्ज से हैं परेशान? 7 लक्षणों से करें खराब Gut Health की पहचान

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन बढ़ गया है जो सेहत के लिए जहर से कम नहीं है। इससे मोटापा डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा तो बढ़ता ही है। साथ ही ये हमारे पेट को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं। गट हेल्थ को बनाए रखने के लिए सही डाइट जरूरी है।
आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड को तवज्जो दे रहे हैं। ये खाने में भले ही स्वादिष्ट लगते हैं, लेकिन ये सेहत के लिए जहर से कम नहीं है। इससे आपकी सेहत को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचता है। इसे खाने से जहां मोटापा, डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, तो वहीं पेट से जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं।
अगर पेट में गड़बड़ी महसूस हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दरअसल, आपका डाइजेस्टिव सिस्टम पूरे दिन की सेहत और मूड को प्रभावित करता है। पेट को हेल्दी रखना है तो अपने खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। सही खानपान से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पेट से जुड़ी) परेशानियों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। अच्छी खबर तो ये है कि कुछ आसान खाने-पीने की चीजें डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाती हैं। आइए जानते हैं इसे हेल्दी रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्यों जरूरी है गट हेल्थ?
एक अच्छी डाइट गट हेल्थ को बनाए रखने में मददगार होती है। इसका सीधा असर इम्यून सिस्टम, मेंटल हेल्थ और ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है। सही खाना खाने से आपके पेट में जो अरबों सूक्ष्मजीव रहते हैं, जिन्हें गुड बैक्टीरिया भी कहा जाता है, वो शरीर को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इससे आपके पेट का माइक्रोबायोम भी मजबूत होता है।
गट हेल्थ खराब होने के लक्षण
सीने में जलन (हार्टबर्न)
गैस
पेट फूलना (ब्लोटिंग)
कब्ज (कॉन्स्टिपेशन)
दस्त (डायरिया)
थकान
स्किन पर दाने या रैशेज
गट हेल्थ को कैसे बेहतर करें?
सही डाइट से आप आंतों को हेल्दी रख सकते हैं। कोशिश करें कि डाइट में पोषण से भरपूर चीजों को शामिल करें। डाइट को बार-बार बदलते रहना चाहिए। अलग-अलग तरह की चीजें खाने से शरीर को जरी पोषक तत्व मिल जाते हैं।
डाइट में क्या करें शामिल?
हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप चाहें तो सुबह के नाश्ते में या फिर लंच और डिनर में भी शामिल कर सकते हैं।
फल और सब्जियां
फल और सब्जियां फाइबर से भरपूर होती हैं। ये डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं और पेट को साफ रखती हैं।
दिन में पांच से सात सर्विंग फल और सब्जियां खाने की कोशिश करें। अलग-अलग तरह के फल और सब्जियाें को चुनें।
प्लेट पर अलग-अलग रंग की चीजें रखें। जैसे हरी, लाल, नारंगी, पीली। इसे रेनबो डाइट कहते हैं। ताजी फल-सब्जियां सबसे अच्छी होती हैं, फ्रोजन चीजों से परहेज करना चाहिए।
साबुत अनाज
साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं और पेट को साफ रखने में मदद करते हैं। इन्हें डाइट में जरूर शामिल करें-
ओट्स
जौ
राई
बाजरा
क्विनोआ
ब्राउन राइस
फर्मेंटेड फूड्स
फर्मेंटेड चीजों में अच्छे बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो आंतों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। ये Probiotics कहलाते हैं।
दही
केफिर (दही जैसा ड्रिंक)
कॉम्बुचा (फर्मेंटेड चाय)
सॉरक्रॉट (गोभी का अचार)
किम्ची
मिसो
प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स
लहसुन
प्याज
आर्टिचोक
केला
सेब
ओट्स
किन चीजों से करें परहेज?
ज्यादा नमकीन खाना जैसे चिप्स, प्रॉसेस्ड मीट और पैक्ड फूड।
प्रॉसेस्ड फूड जिनमें प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो आंत की मोटिलिटी धीमी कर देते हैं।
ऑयली फूड से गैस, अपच और दस्त हो सकते हैं।
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को डाइजेस्ट करना मुश्किल होता है।
रेड मीट: इसे हफ्ते में केवल दो बार खाएं, वरना दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।