गूगल ने भी फेक न्यूज से लड़ने को कसी कमर, करेगा 300 मिलियन डॉलर का निवेश

नई दिल्ली. फेक न्यूज के बढ़ते प्रकोप से गूगल भी परेशान है. इसलिए दुनिया के इस सबसे बड़े सर्च इंजन ने फेक न्यूज से लड़ने को कमर कस ली है. अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान न सिर्फ गूगल, बल्कि सोशल मीडिया साइट फेसबुक और टि्वटर पर जान-बूझकर कई ऐसी खबरें फैलाई गई, जिसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं था.गूगल ने भी फेक न्यूज से लड़ने को कसी कमर, करेगा 300 मिलियन डॉलर का निवेश

भारत में भी पिछले कुछ महीनों में कई ऐसी राजनीतिक खबरें, जो वास्तव में फेक न्यूज थी, मीडिया की सुर्खियां बन गईं. इससे बचने के लिए वैश्विक स्तर पर फेक न्यूज रोकने की कवायद चल रही है. गूगल भी इसलिए अगले तीन सालों में तकनीक के क्षेत्र में 300 मिलियन डॉलर यानी लगभग 20 अरब से ज्यादा रुपयों का निवेश करेगा, ताकि फेक न्यूज पर लगाम लगाई जा सके.

फेक न्यूज रोकने के लिए होगा एक टूल

गूगल ने अपने एक ब्लॉग में फेक न्यूज के प्रवाह को रोकने के लिए विस्तृत कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी है. गूगल ने कहा है कि अखबारों के साथ मिलकर वह एक टूल लॉन्च करेगा जो फेक न्यूज को रोकने में कारगर होगा. यह टूल ऑनलाइन अखबार पढ़ने वाले पाठकों को फेक न्यूज के बारे में अलर्ट करेगा. इसके लिए गूगल ने दुनिया के कई नामचीन अखबारों के साथ करार भी किया है. गूगल के ब्लॉग के अनुसार कंपनी अगले कुछ वर्षों में विभिन्न समाचार पत्र प्रकाशकों के साथ इस तरह के सहयोग को बढ़ावा देगी.

गूगल के प्लेटफॉर्म पर ही मिलेगी सुविधा

गूगल के फेक न्यूज नियंत्रण प्रणाली का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिल सकेगा, जो गूगल को सब्सक्राइब करेंगे. यानी ऑनलाइन अखबार पढ़ने के लिए आपको गूगल के जरिए ही विभिन्न वेबसाइटों तक जाना होगा. इसके तहत एक बार गूगल से लॉग-इन करने के बाद यूजर अपने सब्सक्राइब किए हुए सभी वेबसाइटों को मैनेज कर सकेगा. गूगल ने कहा है कि वह ‘फिनांशियल टाइम्स’, ‘न्यू यॉर्क टाइम्स’, ‘ली फिगारो’ और ‘दी टेलीग्राफ’ के साथ मिलकर यह टूल लॉन्च करेगा. गूगल का कहना है कि वह जल्द ही अन्य प्रकाशन समूहों के साथ भी ऐसी सहयोगात्मक करार करेगा.

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