गुड़गांव से 39 मिनट में दिल पहुंचा एम्स, दो को मिला जीवनदान

ambulance-5618d4c8e5313_exlstट्रैफिक के व्यस्त समय में गुड़गांव पुलिस और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराकर एक व्यक्ति को नई जिंदगी दी है।

ग्रीन कॉरिडोर के जरिये सेक्टर-44 फोर्टिस अस्पताल से ब्रेन डेड व्यक्ति का धड़कता हृदय दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचाया गया। 21.9 किलोमीटर की दूरी 38 मिनट 55 सेकेंड में पूरी की गई।

अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, भिवाड़ी के अलवर-बाईपास रोड पर एक 34 वर्षीय व्यक्ति को दुर्घटना होने के बाद गुड़गांव के सेक्टर-44 स्थित फोर्टिस अस्पताल लाया गया।

दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के ब्रेन में खून जम गया था। न्यूरो साइंस की टीम ने शुक्रवार सुबह दो बजे व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने उसके परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया।

 

अस्पताल की ओर से ग्रीन कॉरिडोर उपलब्ध कराने की बात कही गई तो ट्रैफिक पुलिस अलर्ट हो गई और ग्रीन कॉरिडोर के अपने स्टाफ व ऑफिसर को सड़क पर उतार दिया।

सुबह 09.15 मिनट पर हृदय का प्रत्यारोपण करने के लिए एमजी रोड, छतरपुर, आईआईटी, ग्रीन पार्क होते हुए एम्स पहुंचाया गया। जहां 13 वर्षीय लड़के में एम्स के डॉक्टरों ने सफल प्रत्यारोपण किया।

किडनी और लीवर भी प्रत्यारोपित: फोर्टिस अस्पताल के अंग प्रत्यारोपण के निदेशक डॉक्टर अवनीश सेठ ने बताया कि हृदय प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली एम्स भेज दिया गया, जबकि दोनों किडनी और एक लीवर से तीन मरीजों की जान बचाई गई।

31 वर्षीय महिला को किडनी और 40 वर्षीय पुरुष में लीवर प्रत्यारोपित कर जीवनदान दिया गया। जबकि दूसरे फोर्टिस अस्तपाल में 47 वर्षीय पुरुष में किडनी प्रत्यारोपित की गई।

क्या है ग्रीन कॉरिडोर : एनसीआर में सबसे पहले ग्रीन कॉरिडोर की शुरुआत गुड़गांव से हुई थी। फोर्टिस अस्पताल की ओर से 06 अगस्त 2014 को पहली बार गुड़गांव पुलिस और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर बतौर ट्रायल इसे बनाया गया। इस व्यवस्था में प्रधानमंत्री की यात्रा की तर्ज पर पुलिस एंबुलेंस को ट्रैफिक मुक्त सड़क मुहैया कराती है। जिसके बाद इसी ग्रीन कॉरिडोर के रास्ते ब्रेन डेड व्यक्ति से अंग प्रत्यारोपण के लिए दिल्ली भेजा जा रहा है और दिल्ली से लाया जा रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button