गाजा सिटी पर नियंत्रण बनाए रखेगा इजरायल, नेतन्याहू की इस योजना का हो रहा विरोध

इजरायल सरकार ने फलस्तीनी बहुल गाजा पट्टी के सबसे बड़े शहर गाजा सिटी पर सैन्य कब्जा बरकरार रखने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। लेकिन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि गाजा की सत्ता में हस्तक्षेप का इजरायल का कोई इरादा नहीं है।
इजरायली कैबिनेट ने प्रस्ताव किया पारित
नेतन्याहू ने इससे पहले पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे की योजना का संकेत दिया था। इजरायल के ताजा फैसले का इजरायल में और उसके बाहर कड़ा विरोध हो रहा है। कहा गया है कि इजरायल सरकार की इस योजना के विनाशकारी परिणाम होंगे। वैसे 22 महीने के युद्ध के बाद इस समय गाजा पट्टी का 75 प्रतिशत क्षेत्र इजरायली सेना के कब्जे में है।
इजरायली सेना गाजा सिटी का नियंत्रण संभालने के लिए तैयार
इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि इजरायली सेना गाजा सिटी का नियंत्रण संभालने के लिए तैयार है और वह लड़ाई वाले इलाकों से इतर रहने वाले आमजनों में खाद्यान्न और राहत सामग्री का वितरण भी करेगी।
गाजा में सत्ता में हस्तक्षेप का इजरायल का कोई इरादा नहीं
नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल केवल सुरक्षा कारणों से गाजा सिटी को नियंत्रण में लेगा, वहां की सत्ता में हस्तक्षेप का उसका कोई इरादा नहीं है। गाजा की सत्ता अरब लोग संभालें, इसमें इजरायल को कोई आपत्ति नहीं है।
सरकार ने गाजा सिटी पर नियंत्रण का यह निर्णय तब लिया है जब चंद रोज पहले सेना प्रमुख इयाल जमीर ने गाजा में अभियान को आगे बढ़ाने पर अनिच्छा जाहिर की थी।
फलस्तीनी क्षेत्र पर कब्जे की कार्रवाई मानेगा इजरायल
प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा है कि सरकार की राजनीतिक और सुरक्षा मामलों की मंत्रियों की समिति में बहुमत ने प्रस्ताव स्वीकार किया है। माना गया है कि इसके बगैर हमास को हराने और बंधकों की रिहाई के लक्ष्य प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं। जबकि हमास ने कहा है कि वह इजरायल की ऐसी किसी हरकत को फलस्तीनी क्षेत्र पर कब्जे की कार्रवाई मानेगा और उसका पूरी ताकत से प्रतिरोध करेगा।
उल्लेखनीय है कि 2005 में एक समझौते के तहत इजरायल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना और यहूदी आबादी को हटा लिया था। इसी के साथ वहां का नियंत्रण फलस्तीनियों को मिला था। लेकिन सात अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले और उसके बाद 22 महीने से जारी इजरायल की जवाबी कार्रवाई के दौरान एक बार फिर गाजा पर इजरायली कब्जे की वापसी हो रही है।
सरकार के इस निर्णय से बंधकों के जीवन को खतरा पैदा होने की आशंका जताते हुए इजरायल में विरोध किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस समय करीब 20 जीवित इजरायली बंधक हमास की कैद में है।
इजरायली निर्णय का विश्व भर में विरोध
इजरायली निर्णय के विरोध में जर्मनी ने इजरायल को सभी तरह की सैन्य आपूर्ति रोकने का निर्णय लिया है। डेनमार्क ने निर्णय की निंदा करते हुए इजरायल से इसे अविलंब वापस लेने के लिए कहा है। बेल्जियम ने निर्णय के विरोध में इजरायली राजदूत को तलब कर गाजा सिटी पर कब्जे के दुष्परिणाम बताए हैं।
सऊदी अरब ने गाजा पर नियंत्रण की इजरायली कोशिश की कड़े शब्दों में ¨नदा की है। कहा है कि इजरायल का यह कदम फलस्तीनी आबादी के विरुद्ध और उनके अधिकारों पर आघात है। तुर्किये के विदेश मंत्री ने मिस्त्र के अपने समकक्ष से इस बारे में बात कर विरोध की रूपरेखा तैयार करने के लिए कहा है।
लेबनान पर इजरायल का हमला, फलस्तीनी नेता मारा
इजरायल ने शुक्रवार को लेबनान पर एक बार फिर हवाई हमला किया। इस हमले में पोपुलर फ्रंट फार द लिबरेशन आफ पैलेस्टाइन संगठन का नेता मुहम्मद विशाह और उसका ड्राइवर मारा गया। यह हवाई हमला तब हुआ जब विशाह अपनी कार से सीरिया जा रहा था।
गोलीबारी में मारे गए छह फलस्तीनी
इजरायल द्वारा संचालित जिकिम क्रॉसिंग पर गोलीबारी में कम से कम छह फलिस्तीनी मारे गए और 140 से अधिक घायल हो गए। इस जगह संयुक्त राष्ट्र के सहायता काफिले प्रवेश करते हैं। शिफा अस्पताल के निदेशक डॉ मोहम्मद अबू सेल्मिया ने बताया कि सभी छह लोग इजरायली गोलीबारी में मारे गए।
एक फलिस्तीनी गवाह ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि सहायता सामग्री जब ट्रकों से उतर रही थी तभी भीड़ में शामिल कुछ लुटेरों के एक छोटे समूह ने गड़बड़ी कर दी। इसके बाद इजरायली सैनिकों ने भीड़ की ओर गोलीबारी कर दी। इजरायली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई। मई से अब तक मानवीय सहायता की तलाश में सैकड़ों फलिस्तीनी मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इजरायली योजना को बताया खतरनाक
गाजा पर नियंत्रण करने की इजरायल की योजना को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने शुक्रवार को खतरनाक करार दिया। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरस के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल के इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों फलस्तीनियों को जबरन विस्थापित होना पड़ेगा।
यह फैसला पहले से ही भयावह परिणामों को झेल रहे फलस्तीनियों के लिए और प्रलयंकारी हो सकता है। गाजा में फलस्तीनियों की अकल्पनीय पीड़ा और बढ़ जाएगी। इससे शेष बंधकों सहित और अधिक लोगों के जान को भी खतरा हो सकता है।