गांव में होने वाले मांगलिक व अन्य कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों को भी स्वच्छता के प्रति किया जाएगा जागरूक

गांव में होने वाले मांगलिक व अन्य कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्हें यह पैगाम दिया जाएगा कि खुले में शौच करने से बीमारियां फैलती हैं। वातावरण भी प्रदूषित होता है। इसलिए गांव में सामुदायिक शौचालय भी बनवाया जाएगा। फिलहाल, यह सुविधा अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव को मिलेगी। इसके लिए ग्रामवार जमीन का सर्वे शुरू हो गया है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 31 अक्टूबर तक सामुदायिक शौचालय बनवाने की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग को सौंपी गई है। सामुदायिक शौचालय में महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग व्यवस्था होने के साथ ही स्नानघर का भी निर्माण कराया जाएगा। जागरूकता के लिए शौचालय की दीवारों पर स्वच्छता के नारे भी लिखवाए जाएंगे। दिव्यांगों के लिए अलग सीट लगेगी। शौचालय की देखभाल के लिए ग्रामीणों की एक समिति भी बनाई जाएगी। जिससे परिसर साफ-सुथरा रहे। सामुदायिक शौचालय बनने से मेहमानों में स्वच्छता की भावना विकसित होगी। साथ ही खुले में शौच पर नियंत्रण होगा।

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आंकड़ों पर एक नजर :

-ब्लॉक-16

-ग्राम पंचायत-1054

-राजस्व ग्राम-1815

-कुल मजरों की संख्या-12278

-कुल परिवार-5.73 लाख

-शौचालय की सुविधा वाले परिवार-5.09 लाख

-शौचालय विहीन परिवार-64397

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अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने के लिए सार्वजनिक स्थलों का सर्वे कराया जा रहा है। सभी ब्लॉकों के बीडीओ व एडीओ पंचायत से प्रस्तावित स्थल की सूची मांगी गई है। -घनश्याम सागर, डीपीआरओ गोंडा

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