गांव के सरकारी स्कूल में छात्रों को निजी स्कूलों की तरह ही दी जा रही शिक्षा, पढ़े पूरी खबर

आज जब अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए निजी स्कूलों का रुख कर रहे हैं वहीं जिले के धनौरा विकासखंड का बोरिया गांव ऐसा है जहां के लोग अपने बच्चों को यहां स्थित सरकारी मिडिल स्कूल में भेज रहे हैं। गांव का एक भी छात्र निजी स्कूल में नहीं जा रहा है। वजह है कि बोरिया गांव के सरकारी स्कूल में छात्रों को निजी स्कूलों की तरह ही शिक्षा दी जा रही है। यहां पदस्थ शिक्षक एजी खान के 25 सालों के प्रयास से यहां शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आया है। पहले जहां स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 45 थी, वह बढ़कर अब 178 तक पहुंच गई है।
नहीं थी कोई सुविधा, न थे जागरूक
शिक्षक एजी खान बताते हैं कि 25 वर्ष पूर्व जब उनकी पदस्थापना मिडिल स्कूल बोरिया में हुई थी, तब यहां न ही रोड थी और न बच्चों में शिक्षा को लेकर उत्साह। ग्रामीणों में भी बच्चों की शिक्षा को लेकर कोई रुचि नहीं थी। उस समय स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या भी बहुत कम थी। इसमें लड़कियों की संख्या तो न के बराबर थी।
ग्रामीणों से लगातार किया संवाद
शिक्षक एजी खान ने बताया कि बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर उन्होंने सहयोगी शिक्षकों के साथ स्कूल खुलने के पहले व रात में गांव के हर घर में जाकर ग्रामीणों से संपर्क किया। लगातार संपर्क से ग्रामीणों में अपने बच्चों को खासकर बच्चियों को पढ़ाने की इच्छा जागृत हुई। आज गांव के लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में न भेजकर सरकारी स्कूल बोरिया में भेज रहे हैं। स्कूल में दर्ज संख्या भी बढ़ी है। छात्रों की औसत उपस्थिति 85 प्रतिशत है। स्कॉलरशिप का भी छात्र लाभ ले रहे हैं। अधिकांश बधो मूलभूत दक्षताओं में दक्ष हैं। इस कारण गांव का कोई भी बधाा निजी स्कूल में पढ़ने नहीं जाता है।
रिजल्ट में आया सुधार
शिक्षक एजी खान ने बताया कि हर साल अनुशासन, बेहतर शिक्षा के कारण स्कूल का रिजल्ट सौ फीसदी आ रहा है। निजी स्कूलों की तरह एक्सट्रा क्लास, नोटबुक, अभिभावकों की बैठक ली जाती है। चार दिन तक किसी छात्र के स्कूल न पहुंचने पर पालकों से संपर्क कर समस्या का समाधान किया जाता है।
टॉपर्स विद्यार्थियों को इनाम भी
जन सहयोग से टॉपर्स विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए इनाम भी दिए जाते हैं। छात्राओं को चांदी की पायल व छात्रों को चांदी की चेन देकर प्रोत्साहित किया जाता है। हाल ही में स्कूल के बच्चों की परफॉर्मेंस से खुश होकर स्थानीय सरपंच और जनपद सदस्य ने 55 इंच की एंड्रॉइड टीवी स्कूल को प्रदान करने की घोषणा की है।
चलाया आंदोलन
बच्चों में शिक्षा के प्रति लगाव को बढ़ाने के उददेश्य से विकासखंड धनौरा के शासकीय शिक्षकों द्वारा पिछले 5 वर्षों से ‘चलो अच्छा पढाएं, स्कूल बचाएं” नाम से अनोखा आंदोलन चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य शासकीय स्कूलों व उनमें कार्यरत शिक्षकों की विश्वसनीयता और शाखा की पुनर्स्थापना अपने गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और नवाचारों से करना है। इस स्कूल की प्रगति में प्रधानपाठक रामकुमार साहू, शिक्षक राकेश डहेरिया व शिक्षक जेहरसिंह भलावी भी अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।
– शिक्षक एजी खान व स्कूल के स्टाफ की मेहनत से आज बोरिया गांव का मिडिल स्कूल आदर्श स्कूल बन गया है। यहां लगातार छात्रों की दर्ज संख्या व पढ़ाई का स्तर सुधर रहा है। –