खेत में हल चला रहा था किसान, धरती उगलने लगी सोना, खड़े-खड़े बन गया 3600 करोड़ का मालिक!

किस्मत का क्या ही भरोसा, कब और कहां पलट जाए. कुछ ऐसा ही हुआ फ्रांस के एक किसान के साथ. फ्रांस के मध्य क्षेत्र औवर्न (Auvergne) में एक साधारण किसान की किस्मत अचानक बदल गई. उसने अपने खेत में कुछ ऐसा पा लिया, जिसकी कल्पना तो वो नहीं कर सकता लेकिन सपने बहुतों ने देखे होंगे. ये घटना इतनी दिलचस्प है कि सुनकर आप भी कहेंगे कि क्या किस्मत पाई है बंदे ने.
52 साल के किसान मिशेल डुपोंट (Michel Dupont) अपने खेत में काम कर रहे थे, इसी बीच उसकी नज़र मिट्टी में पड़ी एक चमकीली चीज़ पर गई. कीचड़ में पानी के पास कुछ चमकता हुआ देखने के बाद उसने खुदाई करनी शुरू की तो उसे खुद यकीन नहीं हुआ कि वहां पर क्या था. उसने अपनी पूरी ज़िंदगी में कभी इतना सोना नहीं देखा था, जितना वहां मौजूद था.
खेत में काम करते हुए मिला सोना
मिशेल डुपोंट ने बताया, जब वे अपने खेत का निरीक्षण कर रहे थे, तभी उन्हें पास की एक छोटी धारा में कीचड़ के बीच कुछ अजीब सी चमक देखी. इसके बाद उन्होंने गहराई से खुदाई की, तो उनके हाथों में जो आया, वो कुछ और नहीं असली सोने के टुकड़े थे. धीरे-धीरे उन्हें सोने की चट्टानें और मिलने लगे. एक शुरुआती अंदाज़े में कहा जा रहा है कि इस ज़मीन के नीचे €4 अरब यानि करीब ₹36,000 करोड़ रुपये का सोना हो सकता है.
सरकार ने कहा – ‘रुको ज़रा’
इस खबर ने फ्रांस में तहलका मचा दिया. हालांकि किसान के उत्साह पर तब पानी फिर गया जब फ्रांस सरकार ने मौके पर किसी भी तरह की खुदाई या गतिविधि पर तत्काल रोक लगा दी. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी खनिज संपत्ति मिलने से पहले उसके पर्यावरणीय प्रभाव, कानूनी अधिकार और सार्वजनिक नीति का पूरा मूल्यांकन ज़रूरी है. यह मामला अब फ्रांस के पर्यावरण और खनन मंत्रालय की संयुक्त समीक्षा के अधीन है. स्थानीय प्रशासन ने जमीन की घेराबंदी कर दी है और जांच दल को भेजा गया है.
खाली हाथ नहीं रहेंगे मिशेल
मिशेल की ज़मीन पर मिला यह खजाना अब व्यक्तिगत संपत्ति नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संसाधन मान लिया गया है. फ्रांसीसी कानूनों के मुताबिक अगर किसी ज़मीन के नीचे खनिज संपदा पाई जाती है, तो सरकार को उसके दोहन का अधिकार मिल सकता है. खासतौर पर जब वो इतने बड़े पैमाने पर हो. हालांकि मिशेल को मुआवज़े के तौर पर इसका कुछ हिस्सा मिलेगा. वे बताते हैं कि ज़मीन उनकी आजीविका का साधन है और वे साधारण किसान हैं. ऐसे में वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आगे क्या होगा.