खूबसूरती के लिए ऐसे अनोखे काम करती हैं यहां की लड़कियां, जानकर हो जाओगे हैरान

देश चाहे कोई भी हो लेकिन उसकी खूबसूरती के पैमाने जरूर अलग होते हैं ऐसे में साउथ कोरियन ब्यूटी स्टैंडर्ड्स की बात करें तो कुछ मामलों को देखकर ऐसा लगता है कि यहां की महिलाएं खूबसूरत दिखने के लिए कुछ भी कर सकती है.
कहा जाता है कि साउथ कोरिया में आइलिड सर्जरी का चलन इतना सामान्य है कि खुद पैरंट्स अपने बच्चों को इसके लिए ले जाते हैं. ताकि उनके बच्चे सुंदर दिख सकें. ऐसे मामलों में सर्जरी की मदद से आंखों को कुछ बड़ा दिखाने के साथ पलकों को डबल लिड बनाया जाता है. कहते हैं कि इस काम के लिए आंख के इनर फोल्ड में कट लगाया जाता है और आइलिड के फैट को रिमूव किया जाता है. फिर दो हिस्सों को सिला जाता है, जो डबल आइलिड बनाते हैं. इससे आंखें भी बड़ी दिखती हैं.
कोरिया में ऐसे चेहरे ज्यादा आकर्षक माने जाते हैं, जो छोटे और पतले होते हैं. वहीं राउंड या स्क्वेर लुक वाली ठुड्डी की जगह साउथ कोरिया में V-शेप्ड जॉ लाइन एंड चिन को अट्रैक्टिव माना जाता है. अब सबका फेस तो ऐसा हो नहीं सकता इसलिए इसके लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है. यही वजह है कि के-पॉप (K- POP) आइडल्स एंड एक्ट्रेसेस के फेसकट लगभग एक जैसे लगते हैं, क्योंकि उन्हें प्लास्टिक सर्जरी की मदद से बनाया गया होता है.
दुबला-पतला शरीर और मिल्की व्हाइट फेयर स्किन, ये दोनों भी साउथ कोरियन ब्यूटी स्टैंडर्ड में शामिल किए जाते हैं. पहले स्लिम बॉडी के लिए महिलाएं एक्स्ट्रीम डायट्स का सहारा लेती थीं, वहीं अब इसकी जगह कंट्रोल्ड डायट और वर्कआउट ने ले ली है. यूं तो साउथ कोरिया में स्किन कॉम्प्लैक्शन आमतौर पर लाइट ही है, लेकिन और ज्यादा अट्रैक्टिव और खूबसूरत दिखने के लिए इसे और पेल बनाया जाता है. यानी इस काम के लिए फेस स्किन ट्रीटमेंट्स से लेकर क्रीम-पाउडर और स्पेशल फेस मसाज का सहारा लिया जाता है.
हाइ ब्रिज और स्लिम एंड लॉन्ग नोज दोनों कोरियन ब्यूटी स्टैंडर्ड्स में शामिल है. इसके लिए भी सर्जरी का सहारा लिया जाता है. एक्सपर्ट नाक को आकार देने के लिए कट्स लगाने के साथ ही सेप्टल कार्टलिज को ट्रिम करते हैं. वहीं इसके साथ ही नोज को ऊंचा दिखाने के लिए सॉफ्ट कार्टलिज को इंसर्ट भी किया जाता है. इसी तरह से आइब्रो की बात करें, तो नार्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के पड़ोसी देश यानी दक्षिण कोरिया में स्ट्रेट और एक जैसी आइब्रो का चलन ज्यादा है. इसके लिए लड़कियां लेजर से लेकर नॉर्मल थ्रेडिंग की मदद लेना पसंद करती हैं.





