खुशखबरी: मोदी सरकार ने आम जनता के खातों में भेजे 21 हजार करोड़

नोट बंदी को लेकर मोदी सरकार ने किसानों को राहत दी है। सरकार ने कोऑपरेटिव बैंकों को 21,000 करोड़ रुपए देने का फैसला किया है। डिस्ट्रिक सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक (डीसीसीबी) को यह रकम नाबार्ड के जरिए दी जाएगी।

सिर्फ 30 घंटे में 10 सवाल से ऐसा मोदीमय हुआ हिंदुस्तान कि सहम गये विपक्षी
img_

कोऑपरेटिव बैंक (डीसीसीबी) को यह रकम नाबार्ड के जरिए दी जाएगी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने बुधवार को बताया कि रबी सीजन की बुआई में किसानों को कैश की दिक्‍कत न हो, इसके लिए सरकार ने कोऑपरेटिव बैंक के जरिए किसानों को लोन की सुविधा देने का फैसला किया है।
इसके तहत नाबार्ड को 21 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे, जो आगे कोऑपेटिव बैंकों को मिलेगी। फसल लोन कैश में उपलब्‍ध कराया जाएगा।
नाबार्ड और रिजर्व बैंक से डीसीसीबी को पर्याप्‍त कैश सप्‍लाई करने के लिए कहा गया है।
फ्री हुई बैंकिंग
नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने डेबिट कार्डों के उपयोग पर लिए जाने वाले लेन-देन शुल्क से 31 दिसंबर तक छूट की घोषणा की है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने यहां पत्रकारों से कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक और कुछ निजी बैंक डेबिट कार्ड के माध्यम से किए जाने वाले सभी तरह के भुगतान पर लेन-देन शुल्क माफ करने पर राजी हो गए हैं।
समीक्षा के बाद फैसला
यह निर्णय 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद की स्थिति की समीक्षा के बाद किया गया है। इसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है।
दास ने कहा, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, कुछ निजी बैंक एवं कुछ सेवाप्रदाताओं (स्विचिंग सेवा देने वालों) ने 31 दिसंबर तक डेबिट कार्ड के उपयोग पर सेवा शुल्क नहीं लेने पर सहमति जतायी है।’
वर्तमान में रूपे डेबिट कार्ड ने पहले ही स्विचिंग शुल्क से छूट दी हुई है। अन्य डेबिट कार्ड कंपनियां जो अंतरराष्ट्रीय कार्ड नेटवर्क का संचालन करती हैं जैसे कि मास्टरकार्ड और वीजा मौजूदा समय में लेन-देन शुल्क लेती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button