खुल गए दुधवा के द्वार: वन मंत्री ने किया पर्यटन सत्र का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा नेशनल पार्क में शनिवार को पर्यटन सत्र शुरू हो गया है। अब सात महीने तक सैलानी दुधवा के जंगल में दुर्लभ वन्यजीवों को देख सकेंगे। उद्घाटन के मौके पर पहली शिफ्ट में सैलानियों को निशुल्क जंगल सफारी कराई गई।

विश्व प्रसिद्ध दुधवा नेशनल पार्क के द्वार शनिवार सुबह सैलानियों के लिए खोल दिए गए। वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने अधिकारियों के साथ पर्यटन सत्र का उद्घाटन किया। पहली शिफ्ट में सैलानियों को निशुल्क जंगल सफारी कराई गई। पर्यटन सत्र 15 जून 2026 तक चलेगा। दुधवा में इस बार 14 दिन पहले पर्यटन सत्र की शुरुआत हुई है।

शनिवार सुबह नौ बजे से पूजा अर्चना शुरु होने के बाद वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने अधिकारियों के साथ पार्क के पर्यटन सत्र का फीता काटकर उद्घाटन किया। इसके बाद पहले दिन निशुल्क जंगल सफारी पर जाने वाले वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यहां सैलानियों के स्वागत को खड़े राजकीय हाथी को फल भी खिलाए गए।

उद्घाटन के मौके पर वन मंत्री के साथ विधायक रोमी साहनी, प्रमुख सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वैमुरी, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एफडी दुधवा डॉ. एच राजमोहन, डीडी जगदीश आर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

दुधवा भ्रमण के लिए ऑनलाइन करा सकते हैं बुकिंग
वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि इस बार दुधवा सैलानियों के लिए एक नवंबर से ही खोला गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर दिवाली का सैलानियों को यह तोहफा दिया गया है। हर बार की तरह इस बार भी दुधवा में कई प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही ऑनलाइन बुकिंग के जरिए सैलानी दुधवा का भ्रमण कर सकते हैं।

वन मंत्री ने कहा कि शुल्क की दरों में कुछ बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सैलानियों के लिए कई नए रूटों को भी खोलने की योजना है। इस बार कतर्निया घाट के निशानगढ़ में भी पर्यटन कराया जाएगा। इसके अलावा पार्क के 63 नंबर रूट पर भी सैलानियों को जंगल सफारी कराई जाएगी। दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी डॉ. एच राजमोहन व डीडी जगदीश आर ने बताया कि दुधवा में शुरुआती दिनों के लिए कई सैलानियों ने हट की बुकिंग एडवांस में करा ली है। अगले सात महीनों तक बुकिंग जारी रहेगी।

प्लास्टिक और पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित
दुधवा नेशनल पार्क आने वाले सैलानियों के लिए इस साल भी फर्स्ट एड बॉक्स जिप्सी में रखने के निर्देश दिए गए हैं। गाइडों को सैलानियों को दुधवा से संबंधित कहानी सुनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। इसमें दुधवा में पाए जाने वाले सरीसृपों और वन्यजीवों के बारे में बताया जाएगा। पर्यटन सत्र में प्लास्टिक और पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित रहेगा।

क्यों खास है दुधवा
दुधवा नेशनल पार्क स्वच्छंद विचरण करते वन्यजीवों के साथ ही अपनी जैव विविधता और पक्षियों की प्रजातियों के लिए सबसे ज्यादा सैलानियों को आकर्षित करता है। यहां 450 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। हिरनों की पांच प्रजातियां चीतल, सांभर, काकड़, पाढ़ा और बारहसिंघा के अलावा बाघ, तेंदुआ, भालू, सेही, बंगाल फ्लोकिरन भी यहां की शान हैं।

मगरमच्छ, घड़ियाल के साथ ही विभिन्न प्रजाति के सरीसृपों का दुधवा में बसेरा है। तितलियों के अतिरिक्त दुधवा पार्क के जंगल में कई अनदेखी प्रजातियां भी रहती हैं। वनस्पति की बात करें तो यहां साल, जामुन, खैर, बहेड़ा, असना समेत कई प्रकार के पेड़ हैं।

औषधीय वनस्पतियां भी यहां बड़ी संख्या में पाई जाती हैं। साल और साखू के पेड़ भी यहां की शान हैं और पारिस्थितिकी धरोहर माने जाते हैं। यहां प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही जैव विविधता का पूरा मिश्रण भ्रमण करने आने वाले सैलानियों को दिखाई देगा।

ऐसे पहुंचे दुधवा
लखनऊ से वाया सड़क मार्ग से सीतापुर, लखीमपुर, पलिया होते हुए दुधवा जाया जा सकता है। शाहजहांपुर से खुटार, मैलानी, पलिया होते हुए सैलानी दुधवा पार्क तक पहुंच सकते हैं। बरेली से दुधवा आने के लिए पहले खुटार और उसके बाद मैलानी होते हुए भी पलिया व दुधवा जाया जा सकता है। हवाई यात्रा की अगर बात करें तो यहां से सबसे नजदीक का एयरपोर्ट लखनऊ है, जो कि पार्क से 238 किलोमीटर की दूरी पर है। लखनऊ तक फ्लाइट से आकर वहां से निजी वाहनों से दुधवा पार्क पहुंचा जा सकता है।

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