खुद से दोस्ती का पहला कदम है Self-Acceptance, 5 तरीकों से इसे जिंदगी में उतार सकते हैं आप

हम सभी दूसरों को प्यार करते हैं, उनकी तारीफ करते हैं और उन्हें बिना शर्त स्वीकार करते हैं, लेकिन जब बात खुद की आती है, तो हम अक्सर सबसे कठोर जज बन जाते हैं। अपनी कमियों पर ध्यान देना, खुद को कोसना और दूसरों से तुलना करना… यह सब ‘खुद से दोस्ती’ की राह में सबसे बड़ी रुकावटें हैं।
खुद से दोस्ती की शुरुआत होती है ‘Self-Acceptance’ से। इसका मतलब है अपने आप को अपनी अच्छाइयों और अपनी बुराइयों के साथ- पूरी तरह से स्वीकार करना। जी हां, जब आप खुद को स्वीकार करते हैं, तभी आप एक शांत और खुशहाल जिंदगी जी पाते हैं। आइए, जानते हैं वो 5 आसान तरीके जिनसे आप इस सेल्फ एक्सेप्टेंस को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना सकते हैं।
अपनी फीलिंग्स को ‘हां’ कहना सीखें
हम अक्सर उदासी, गुस्सा या डर जैसी भावनाओं को दबाने की कोशिश करते हैं। सेल्फ एक्सेप्टेंस का पहला नियम है कि आप अपनी सभी भावनाओं को महसूस करें और उन्हें स्वीकार करें। अगर आप दुखी हैं, तो खुद से कहें, “ठीक है, आज मैं दुखी हूं।” अपनी भावनाओं को स्वीकार करना उन्हें खत्म करने का पहला कदम है। उन्हें नकारने के बजाय, उनके पीछे के कारण को समझने की कोशिश करें।
तुलना करना आज ही बंद करें
आजकल सोशल मीडिया के जमाने में, हम लगातार खुद की तुलना दूसरों की ‘हाइलाइट रील’ (अच्छी-अच्छी चीजों) से करते हैं। याद रखें, हर इंसान अलग है, और हर किसी की जर्नी भी अलग है। जब आप खुद की तुलना किसी और से करते हैं, तो आप अपनी विशिष्टता और अपनी उपलब्धियों को कम आंकते हैं। जब भी आप तुलना करने लगें, तो फौरन अपना ध्यान उन चीजों पर लाएं जिनके लिए आप आभारी हैं।
अपनी कमियों से करें दोस्ती
हर इंसान में कुछ कमियां होती हैं और यह बिल्कुल सामान्य है। सेल्फ एक्सेप्टेंस का मतलब यह नहीं है कि आप खुद को बेहतर बनाने की कोशिश न करें, बल्कि इसका मतलब है कि आप अपनी कमियों को एक दुश्मन की तरह देखना बंद कर दें। अपनी कमियों को अपनी कहानी का हिस्सा मानें। उदाहरण के लिए, अगर आप थोड़े शर्मीले हैं, तो इसे स्वीकार करें और छोटे-छोटे कदम उठाकर इसे सुधारें, लेकिन तब तक खुद से प्यार करना न छोड़ें।
अपनी गलतियों को ‘सीखने का अवसर’ मानें
गलतियां करना मानव स्वभाव है। जब हम कोई गलती करते हैं, तो हम अक्सर खुद को घंटों तक बुरा-भला कहते रहते हैं। Self-Acceptance आपको सिखाता है कि आप अपनी गलतियों को ‘असफलता’ के बजाय ‘सीखने का अवसर’ मानें। अपनी गलती से सीखें, उसे ठीक करने की कोशिश करें और फिर उस बात को वहीं छोड़ दें। पिछली बातों को पकड़कर रखने से सिर्फ तनाव बढ़ता है।
खुद की देखभाल को प्राथमिकता दें
जब आप किसी दोस्त की देखभाल करते हैं, तो आप यह सुनिश्चित करते हैं कि वे खुश और स्वस्थ रहें। खुद से दोस्ती निभाने का सबसे बड़ा तरीका है कि आप अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत का ध्यान रखें। अपनी पसंद का भोजन करें, अच्छी नींद लें, कसरत करें और रोज 10 मिनट अपने साथ शांत बैठें। ये छोटे-छोटे कदम आपके दिमाग को यह संदेश देते हैं कि “मैं खास हूं और मैं खुद से प्यार करता हूं।”
सेल्फ एक्सेप्टेंस कोई मंजिल नहीं है, यह एक रोज की जर्नी है। जब आप अपने आप को स्वीकार कर लेते हैं, तो आप दूसरों की राय की परवाह करना कम कर देते हैं और अपनी जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीना शुरू कर देते हैं।





