खुद की परछाईं पर मर मिटा ये शख्स, शीशे के सामने करता है खुद से रोमांस, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान!

प्यार का मतलब हर किसी के लिए अलग होता है. लेकिन क्या हो, जब कोई इंसान दूसरों को छोड़कर खुद से ही प्यार करने लगे? एक शख्स की ऐसी कहानी सामने आई, जिसने अपनी परछाई को अपना हमसफर बना लिया. इस 45 वर्षीय शख्स का नाम क्रिस है, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया में रहते हैं. क्रिस का कहना है कि वो अपनी परछाई से रोमांस करते हैं और खुद के साथ अंतरंग पल बिताते हैं. उनकी ऐसी जिंदगी के बारे में सुनकर लोग हैरान रह जाते हैं, क्योंकि क्रिस अपनी परछाई को “वो” कहते हैं और खुद के साथ “हम” की तरह पेश आते हैं. वह बताते हैं, “13 साल की उम्र में शीशे के सामने खड़े होकर मुझे एहसास हुआ कि मैं खुद की परछाईं से प्यार करने लगा हूं.” सुनने में यह भले ही अटपटा लगे, लेकिन यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि ‘सेल्फ़-लव’ की एक अजीबोगरीब दुनिया है, जिसे मनोवैज्ञानिक भी मानने लगे हैं.
क्रिस के अनुसार, बचपन से ही उन्हें खुद के प्रति एक अलग तरह का आकर्षण महसूस होता था. जब दोस्त दूसरों के पीछे भाग रहे थे, वह शीशे के सामने घंटों बिताते थे. धीरे-धीरे यह आदत एक जुनून बन गई. वह कहते हैं, “मैंने खुद को गले लगाना, शीशे में आंखें मिलाना और खुद से बातें करना शुरू किया. यह मेरा ‘सीक्रेट रोमांस’ था.” क्रिस याद करते हैं, “13 साल की उम्र में एक दिन बीच से लौटकर मैंने पीले स्विमसूट में शीशे में खुद को देखा. वह परछाईं मुझे इतनी खूबसूरत लगी कि मैंने शीशे को छूकर उसे चूम लिया. उस पल बिजली-सी दौड़ गई! मैं हैरान था कि यह लगाव क्या है?” उसके बाद से वह रोज़ाना शीशे के सामने वक्त बिताने लगे. क्रिस का कहना है कि उनकी परछाई के साथ उनका रिश्ता सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी है. वो अपनी परछाई को तारीफ करते हैं, प्यार भरी बातें करते हैं और खुद को गले लगाते हैं. उनके लिए ये रिश्ता इतना गहरा है कि वो इसे अपनी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा मानते हैं. हालांकि, क्रिस ने पहले दूसरों के साथ भी रिश्ते बनाए हैं और अभी वो दो साल से एक पुरुष के साथ लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं.
दुनिया से छुपाकर किया खुद से रोमांस!
क्रिस ने खुद से रिश्ते को सालों तक दुनिया से छुपाया. उनके मुताबिक, “लोगों को समझाना मुश्किल था. सब दूसरों के साथ रिश्तों की बात करते थे और मैं खुद के साथ प्यार में डूबा था.” हालांकि, वह इस जुनून को “नार्सिसिज्म” से अलग बताते हैं. उनका कहना है, “नार्सिसिस्ट (सिर्फ खुद के बारे में सोचने वाला) दूसरों को नीचा दिखाते हैं, लेकिन मैंने कभी किसी को चोट नहीं पहुंचाई. मुझे बस खुद से खुद को प्यार है.” क्रिस ने अपने पिता को एक बार अपनी लैंगिकता के बारे में बताया, लेकिन उनका कहना है कि उनकी मां (जो अब इस दुनिया में नहीं हैं) इसे कभी नहीं समझ पातीं. बता दें कि आज भी क्रिस का सबसे गहरा बंधन खुद से है. वह रोज़ाना शीशे के सामने वक्त बिताते हैं, खुद को कपड़े पहनकर देखते हैं और अपनी परछाईं से बातें करते हैं. वह कहते हैं, “यह रिश्ता सिर्फ़ शारीरिक नहीं, बल्कि भावनात्मक भी है. मुश्किल वक्त में मैं खुद से गले लगकर सुकून पाता हूं.”