खाने से पहले ही काले पड़ जाते हैं केले, तो इन 6 तरीकों से रखें इन्हें लंबे समय तक फ्रेश

आयरन, कैल्शियम के अलावा विटामिन ए, बी से भरपूर केला रोजाना खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन एथिलिन गैस की वजह से केले का रंग पहले ब्राउन और फिर काला पड़ने लगता है। ऐसे में हम यही सोचते हैं कि भला इन्हें खरीदकर लाने का क्या मतलब?

वैसे तो काले पड़ चुके केलों को कई तरीकों से इस्तेमाल में लाया जा सकता है, लेकिन आप इसे हेल्दी फ्रूट के तौर पर खाने के लिए लाते हैं। ऐसे में हम आपको 6 ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिससे आप लंबे समय तक ताजे और स्वादिष्ट केलों का स्वाद ले पाएंगे:

लाते ही प्लास्टिक बैग से निकाल दें
केलों को अक्सर ही पॉलिथीन में पैक करके दिया जाता है, लेकिन घर आते ही आपको सबसे पहले उसके पैक को हटाना है। यदि इन केलों को बैग में ही छोड़ दिया जाए तो इनके पकने की रफ्तार तेज हो जाती है, क्योंकि उस बैग में ही एथिलीन गैस इकट्ठा हो जाती है।

उन्हें टांगकर रखें
केलों के गुच्छे को किसी जगह हैंग करके रखें। इससे ये सतह से टकराएंगे नहीं, जिससे उनके ऊपर ब्राउन धब्बे नहीं पड़ेंगे।

सिरे पर लपेटें प्लास्टिक
एथिलिन गैस केलों के स्टेम या उसके ऊपरी सिरे से ही बाहर निकलती है, जहां से केलों के गुच्छे आपस में जुड़े रहते हैं। उस हिस्से को प्लास्टिक से रैप करने से केलों के पकने की गति धीमी पड़ जाती है।

धूप और गर्मी से बचाकर रखें
सूरज की सीधी रोशनी और गर्मी की वजह से केला तेजी से पकना शुरू हो जाता है। केलों को हमेशा ही ठंडी, अंधेरी जगह पर रखें

बाकी फल और सब्जियों से रखें दूर
सिर्फ केला ही ऐसा फल नहीं, जिससे पकने पर एथिलिन गैस निकलती है। सेब, नाशपाती, आलू, एवोकाडो भी ऐसे ही कुछ फल और सब्जियां हैं जिनसे एथिलिन गैस निकलती है। आपको इनसे भी केले को दूर रखना चाहिए।

पकने के बाद ऐसे करें केलों को स्टोर
जब तक केले पकते नहीं, उन्हें फ्रिज में स्टोर करना सही नहीं, लेकिन पकने के बाद उन्हें बाहर नहीं रखा जा सकता। पकने के बाद केलों को फ्रिज में रखने से वे एक से दो हफ्तों तक खराब नहीं होते।

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