खाने का सामान लेने जा रहे चार फलस्तीनी इस्राइली गोलीबारी में ढेर

गाजा सिटी के पास इस्राइली सेना की गोलीबारी में चार फलस्तीनी मारे गए, जो खाने का सामान लेने जा रहे थे। गाजा में अकाल और कुपोषण से अब तक 289 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार युद्ध में कुल मौतें 62,686 पार कर गई हैं। लगातार बमबारी और तबाही के बीच मानवीय संकट गहराता जा रहा है, जबकि युद्धविराम की कोशिशें अब भी ठप हैं।

गाजा पट्टी एक बार फिर खून से लाल हो गई जब रविवार को इस्राइली सेना ने गाजा सिटी के दक्षिण में स्थित नेत्जारिम कॉरिडोर क्षेत्र में भीड़ पर गोलीबारी कर दी। अस्पताल और चश्मदीदों के अनुसार, इस हमले में चार फलस्तीनी मारे गए जो खाने का सामान लेने जा रहे थे। यह इलाका अक्सर लोगों के लिए खाद्य वितरण केंद्र तक पहुंचने का मार्ग होता है। इस घटना के बाद स्थानीय अस्पताल अल-अवदा और गवाहों ने कहा कि सेना ने बिना किसी भेदभाव के भीड़ पर गोलियां चलाईं।

गाजा सिटी बीते 22 महीनों से जारी युद्ध की वजह से अकाल झेल रही है। इस्राइल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में पूरा शहर नष्ट हो सकता है। इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भूख और कुपोषण से रविवार को आठ और लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। अब तक कुपोषण से मरने वालों की संख्या 289 हो गई है, जिनमें 115 बच्चे हैं। हजारों लोग हर दिन सिर्फ आटे का बोरा या खाने की थोड़ी-बहुत चीजें पाने के लिए जान जोखिम में डालकर निकलते हैं।

मौतों का बढ़ता आंकड़ा और अंतरराष्ट्रीय चेतावनी
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अब तक युद्ध में 62,686 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या महिलाएं और बच्चे हैं। मंत्रालय का यह भी कहना है कि 2,000 से अधिक लोग केवल भोजन और राहत लेने के दौरान मारे गए हैं। संयुक्त राष्ट्र और स्वतंत्र विशेषज्ञ इस मंत्रालय के आंकड़ों को सबसे विश्वसनीय मानते हैं, हालांकि इस्राइल इन आंकड़ों पर सवाल उठाता है और अपने आंकड़े नहीं देता। दुनिया की खाद्य संकट पर नजर रखने वाली शीर्ष संस्था इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन ने चेतावनी दी है कि गाजा सिटी में अकाल फैल चुका है और अगले महीने तक यह संकट और दक्षिणी इलाकों में भी फैल सकता है।

बमबारी और तबाही से दहशत
गाजा सिटी के पास जबालिया शरणार्थी कैंप में लोगों ने बताया कि लगातार धमाके हो रहे हैं। इस्राइली सेना ने हाल ही में यहां अभियान तेज करने और हजारों रिजर्व सैनिक भेजने की घोषणा की थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके मोहल्ले पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। विस्थापित फलस्तीनी सलिम दाहेर ने दावा किया कि सेना रोबोट की मदद से विस्फोटक लगा रही है ताकि लोगों को जबरन हटाया जा सके। गवाहों का कहना है कि इसका मकसद पूरे इलाक़े को जमींदोज़ करना और फलस्तीनियों को उत्तर से निकालना है।

युद्धविराम की कोशिशें और अटके हालात
इस्राइल का कहना है कि गाजा सिटी अब भी हमास का गढ़ है, इसलिए सैन्य अभियान जारी रहेगा। वहीं, हमास ने अरब देशों के मध्यस्थों के जरिए एक नए प्रस्ताव को स्वीकार करने की बात कही है, लेकिन इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सभी समझौतों को ठुकरा दिया है। इस बीच, इस्राइल में भी लोगों की चिंता बढ़ रही है क्योंकि 50 बंधक अब भी गाजा में हैं, जिनमें करीब 20 के जीवित होने की संभावना है। लगातार बमबारी, अकाल और मौतों के बीच गाजा के लोग अब थक चुके हैं और मानते हैं कि कहीं भी सुरक्षा नहीं है।

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