खाते में नहीं है 50 हजार रुपये तो देना होगा जुर्माना

भारत के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने 1 अगस्त से सभी ग्राहक वर्गों के लिए मासिक न्यूनतम औसत शेष राशि (Minimum Average Balance) की आवश्यकता बढ़ा दी है। बैंक की वेबसाइट के अनुसार, 1 अगस्त या उसके बाद बचत खाते खोलने वाले महानगरों और शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों को जुर्माने से बचने के लिए न्यूनतम 50,000 रुपये रखना होगा। अगर आपने मिनिमम बैलेंस नहीं रखा तो आपको जुर्माना देना होगा।
अगर आपने अपने खाते में मासिक न्यूनतम औसत शेष राशि नहीं मेंटेन रखी तो ICICI Bank आपसे जुर्माना वसूलेगा। यह जुर्माना मासिक न्यूनतम औसत शेष राशि का 6% या 500 रुपये, जो भी कम हो उतना होगा।
उदाहरण के लिए, किसी महानगरीय शाखा में 10,000 रुपये की कमी पर आमतौर पर 600 रुपये का जुर्माना लगता है, लेकिन नए नियमों के तहत, यह शुल्क 500 रुपये तक सीमित है।
किसे कितना रखना होगा मिनिमम बैलेंस
पुराने ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत शेष राशि 10,000 रुपये ही रहेगी। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों को न्यूनतम औसत शेष राशि 25,000 रुपये और ग्रामीण ग्राहकों को 10,000 रुपये रखनी होगी। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पुराने ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत शेष राशि 5,000 रुपये प्रति माह रहेगी।
3 बार ही फ्री में कर सकते हैं लेन-देन
बैंक ने अपने नकद लेनदेन नियमों में भी संशोधन किया है। ग्राहकों को प्रति माह तीन निःशुल्क नकद जमा लेनदेन मिलेंगे, जिनका कुल मूल्य 1 लाख रुपये तक होगा। इसके बाद, प्रति लेनदेन 150 रुपये या प्रति 1,000 रुपये जमा पर 3.50 रुपये (जो भी अधिक हो) का शुल्क लगेगा।
यदि लेनदेन की संख्या और मूल्य सीमा, दोनों का एक साथ उल्लंघन किया जाता है, तो जुर्माना लगाया जाएगा। आपको प्रति लेनदेन 150 रुपये का भुगतान करना होगा। सभी बचत खातों के लिए प्रति लेनदेन 25,000 रुपये की तृतीय-पक्ष नकद जमा सुविधा लागू है।
देश के सबसे बड़े ऋणदाता, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2020 में न्यूनतम शेष राशि के नियम को समाप्त कर दिया था। अधिकांश अन्य बैंक काफी कम सीमा रखते हैं, आमतौर पर 2,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच। लेकिन प्राइवेट बैंक इसमें अपनी मनमानी कर रहे हैं। यह प्राइवेट बैंकों के लिए पैसा कमाने का एक जरिया बनता जा रहा है।