क्या पुलवामा हमले में शामिल था डीएसपी? पुलिस ने खुद किया सबसे बड़ा खुलासा
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में हिजबुल आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए डीएसपी दविंदर सिंह को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही पार्टी ने बीते साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले की दोबारा जांच की मांग की है, ताकि सच सामने आ सके। इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया है। अधिकारी ने ये भी बताया कि इस हमले के दो महीने पहले ही डीएसपी दविंदर सिंह का पुलवामा से दूसरी जगह ट्रांसफर हो गया था।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलवामा हमले के 2 महीने पहले दिसंबर 2018 के आखिर तक सिंह को एंटी हाइजैकिंग यूनिट की जिम्मेदारी दी गई थी और श्रीनगर एयरपोर्ट पर उनकी तैनाती हो गई थी। पुलवामा हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था। सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती फिदाइन हमला किया गया था। इसमें सीआरपीएफ के कुल 40 जवान शहीद हो गए थे।
अधिकारी ने बताया, ‘उस वक्त दविंदर सिंह पुलवामा-DAR जिले के आर्म्ड गार्ड्स के डीएसपी थे। वह स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप का हिस्सा नहीं थे। साल 2018 के आखिर तक उनकी पोस्टिंग पुलवामा से श्रीनगर एयरपोर्ट पर हो गई थी। बता दें कि स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप जम्मू-कश्मीर पुलिस का काउंटर-इंसर्जेंसी ग्रुप है।
जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर ये जानकारी दी। दरअसल, आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए डीएसपी दविंदर सिंह को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा, ‘कुलगाम में हिजुबल आतंकियों के साथ गिरफ्तार हुए पुलिस अधिकारी का नाम इत्तेफाक से दविंदर सिंह है। अगर दविंदर खान होता, तो विवाद बढ़ता। इस बारे में आरएसएस के ट्रोल रेजिमेंट को साफ-साफ और स्पष्ट शब्दों में जवाब देना चाहिए। मजहब, रंग और कर्म को किनारे रखते हुए देश के ऐसे दुश्मनों की एकसुर में आलोचना की जानी चाहिए।’
दरअसल, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ डीएसपी दविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दविंदर सिंह ने आतंकियों को सुरक्षित घाटी से बाहर पहुंचाने के लिए डील की थी। उन्होंने आतंकियों को अपने घर में पनाह दे रखी थी। फिलहाल पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही हैं।
सरकार ने हालांकि, अधीर रंजन के आरोपों को खारिज कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि पुलवामा अटैक को पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन को अंजाम दिया था, जबकि दविंदर सिंह का हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों के साथ बताया जा रहा है।