क्यों मनाई जाती हैं बसंत पंचमी, जानें इसके पीछे का ये बड़ा राज

वसंत पंचमी का पर्व 29 जनवरी को है। यह पावन पर्व मां सरस्वती को समर्पित है। माता सरस्वती को बुद्धि और विद्या की देवी माना जाता है। वसंत पंचमी का पर्व बसंत ऋतु में पड़ता है। इस ऋतु में मौसम काफी सुहावना हो जाता है। इस दौरान न तो ज्यादा ही गर्मी होती है और न ही ज्यादा ठंड होती है और यही वजह है कि बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की खास पूजा की जाती है। आज हम जानेंगे कि यह पूजा कब से शुरु हुई। वसंत पंचमी को लेकर पौराणिक शास्त्रों में क्या कहा गया है।

जानिए क्यों मनाई जाती है वसंत पंचमी
हिंदु पौराणिक कथाओं में प्रचलित एक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की। उन्होंने पेड़-पौधे, जीव-जन्तु और मनुष्य बनाए, लेकिन उन्हें लगा कि उनकी रचना में कुछ कमी रह गई। इसीलिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई। उस स्त्री के एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। ब्रह्मा जी ने इस सुंदर देवी से वीणा बजाने को कहा। जैसे वीणा बजी ब्रह्मा जी की बनाई हर चीज़ में स्वर आ गया। तभी ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती नाम दिया। वह दिन वसंत पंचमी का था। इसी वजह से हर साल वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्मदिन मनाया जाने लगा और उनकी पूजा की जाने लगी।