क्या प्रधानमंत्री की बात मानना पड़ेगा महंगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से एक दिन डीजल-पेट्रोल बचाने की अपील क्या की अनेक राज्यों के डीलरों ने रविवार को पेट्रोल पंप बंद रखने की घोषणा कर दी। इससे पेट्रोलियम मंत्रालय सकते में आ गया और उसने भी फरमान जारी कर कह दिया कि यदि पेट्रोल पंप बंद रखे गए तो उन पर वैधानिक कार्रवाई होगी। दरअसल सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि डीलर अपनी घोषणा के अनुरूप हर रविवार को पैट्रोल पंप बंद रखते हैं तो आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। खबर है कि आगामी 14 मई से हर रविवार को पैट्रोल पंप बंद रखने वाले राज्यों में हरियाणा, महाराष्ट्र और समूचे दक्षिणी क्षेत्र जिसमें कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी शामिल हैं। सवाल यही है कि क्या प्रधानमंत्री की अपील को मानना इन डीलरों को महंगा पड़ने वाला है या फिर मादी जी के कहने पर सरकार और मंत्रालय भी इनका साथ देती नजर आएगी।

लालबत्ती हटते ही ‘लाल’ नहीं रह जाएंगे विशेष!

केंद्र सरकार ने लालबत्ती संस्कृति को समाप्त करने का फैसला लिया तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए ट्विट कर जहां प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ डाले वहीं उन्होंने कहा कि ‘लालबत्ती हटाने के केन्द्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले का हम स्वागत करते हैं, हर भारतीय व्हीआईपी यानी विशेष है। लक्ष्य अंत्योदय प्रण अंत्योदय पथ अंत्योदय।’ गौरतलब है कि यह आदेश 1 मई से पूरे देश में लागू होगा, तब देखना होगा कि क्या वाकई ये विशेष व्यक्ति विशेष रह जाते हैं या नहीं, क्योंकि महज लालबत्ती उतार देने से किसी का मिजाज थोड़े ही बदलने वाला है। अगर यकीन नहीं आता तो 1 मई मजदूर दिवस को ही ले लें, जिसे मनाते हुए वर्षों गुजर गए, लेकिन क्या मजदूर पहली पंक्ति का व्यक्ति बन पाया?

सरकार बदली पर मंत्रियों का व्यवहार नहीं बदला

कहने को तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमजन से जुड़े फैसलों को लेकर खासे चर्चा में हैं, लेकिन उनके मंत्री इससे उलट पूर्व सरकारों के मंत्रियों-सा ही व्यवहार कर रहे हैं। इससे आमजन ही नहीं बल्कि प्रशासन भी हैरान है। दरअसल योगी सरकार में खादी और ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने एक दिव्यांग को सहारा देने की बजाय सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया। मंत्री के बोल इतने कड़वे थे कि सुनने वालों को भी बुरा लगा तब जिसके लिए यह सब बोला गया उसका तो मानों कलेजा ही मुंह को आ गया होगा। दरअसल दिव्यांग से मंत्री ने कहा कि ’लूले-लंगड़े लोगों को संविदा पर रखा है, ये क्या सफाई कर पाएगा। तभी ऐसा हाल है यहां की सफाई का।’ अब योगी सरकार अपने मंत्रियों के लिए जो आचार संहिता लागू करना चाह रही थी क्या वह पूर्ण रूपेण लागू कर पाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से एक दिन डीजल-पेट्रोल बचाने की अपील

तेजबहादुर का बर्खास्तगी के बाद ‘रुस्तम’ हो जाना

बीएसएफ से बर्खास्त किए जा चुके जवान तेजबहादुर यादव का कहना है कि वो बर्खास्तगी के खिलाफ ही नहीं बल्कि सेना में खान-पान के स्तर को लेकर भी सरकार से अपील करेंगे। यदि सरकार बात नहीं सुनती है तो वह कोर्ट जाएंगे। यहां तेजबहादुर का कहना था कि वो कोर्ट में वर्दी पहनकर ही अपने इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे। वैसे देखा जाए तो वो एक रूस्तम की भूमिका में आगे आते हुए दिखते हैं क्योंकि तेजबहादुर का कहना है कि वह अपनी सैलरी में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं चाहते, बल्कि वह चाहते हैं कि जवानों को अच्छा खाना मिले और समय पर छुट्टियां मिलती रहें। प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की तमन्ना रखने वाले तेजबहादुर कोर्टमार्शल पर भी सवाल खड़े करते हैं, मानों वो सचमुच में रुस्तम का किरदार निभाने जा रहे हों। इस प्रकार अभी यह पिक्चर खत्म नहीं हुई है।

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