क्या गलत फैसले की कीमत चुका रही टीम इंडिया? गांगुली-कार्तिक ने उठाए गंभीर सवाल

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट की हार ने न सिर्फ टीम की बल्लेबाजी पर सवाल उठाए, बल्कि मुख्य कोच गौतम गंभीर के फैसलों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। सबसे बड़ी बहस वॉशिंगटन सुंदर को नंबर तीन पर भेजने को लेकर छिड़ गई है। एक ऐसा फैसला जिसने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और पूर्व विकेटकीपर दिनेश कार्तिक दोनों को हैरान कर दिया।

नंबर-3 पर सुंदर का प्रमोशन: कार्तिक का कड़ा सवाल

दिनेश कार्तिक ने वॉशिंगटन सुंदर को नंबर-तीन भेजने को लेकर पर सीधा सवाल दागा कि इससे उनके गेंदबाजी कौशल को नुकसान होगा। कार्तिक ने क्रिकबज से कहा, ‘अगर आप उन्हें नंबर तीन भेज रहे हैं, तो आप उनसे कह रहे हैं कि अब बल्लेबाजी पर ज्यादा फोकस करो। लंबे समय तक बैटिंग प्रैक्टिस करेगा तो गेंदबाजी की तैयारी कम हो जाएगी। दोनों में एक साथ बेस्ट बने रहना लगभग नामुमकिन है।’

सुंदर ने 29 और 31 रन बनाकर टीम में महत्वपूर्ण योगदान जरूर दिया था, लेकिन कार्तिक के मुताबिक यह प्रमोशन सिर्फ एक अस्थायी समाधान जैसा दिखता है। कार्तिक ने साफ कहा, ‘यह बहुत ट्रिकी स्थिति है। नंबर-तीन उसकी लंबे समय की भूमिका नहीं लगती। इससे उसकी गेंदबाजी भविष्य में प्रभावित हो सकती है।’

गांगुली भी सहमत: ‘सुंदर नंबर-तीन के लिए नहीं बने’

सौरव गांगुली ने भी इस बात को दृढ़ता से उठाया कि वॉशिंगटन सुंदर टेस्ट क्रिकेट में नंबर-तीन की भूमिका के लिए तैयार नहीं हैं, खासकर विदेशी परिस्थितियों में। गांगुली ने इंडिया टुडे से कहा, ‘वह अच्छे क्रिकेटर हैं, गेंदबाजी भी करते हैं, बैटिंग भी करते हैं, लेकिन मैं नहीं मानता कि नंबर-तीन टेस्ट क्रिकेट में उनके लिए लंबे समय का विकल्प है।’

उन्होंने स्पष्ट किया कि शीर्ष क्रम में सिर्फ स्पेशलिस्ट बल्लेबाज होने चाहिए। गांगुली ने कहा, ‘आपके पहले पांच बल्लेबाज, ओपनर्स से लेकर नंबर-पांच तक, हर हालात में परफॉर्म करने वाले स्पेशलिस्ट होने चाहिए। मैं आश्वस्त नहीं कि वॉशिंगटन इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका या न्यूजीलैंड में भारत के नंबर-तीन हो सकते हैं।’

गांगुली ने गंभीर की रणनीति पर सवाल खड़े किए

कोलकाता टेस्ट में गौतम गंभीर की रणनीति पर गांगुली ने और भी बड़े सवाल उठाए। भारत ने चार स्पिनरों के साथ मैच खेला, लेकिन वॉशिंगटन सुंदर ने सिर्फ एक ओवर फेंका। गांगुली ने कहा, ‘भारत में चार स्पिनरों की जरूरत नहीं होती, खासकर तब जब वॉशिंगटन ने पूरे टेस्ट में सिर्फ एक ओवर डाला। जब विकेट स्पिन कर रहा है और मुख्य स्पिनर 20-30 ओवर डाल सकते हैं, तो चार स्पिनरों की जरूरत नहीं।’

गंभीर का सुंदर प्रेम, नया रोल या बड़ा रिस्क?

गौतम गंभीर वॉशिंगटन सुंदर की प्रतिभा के बड़े प्रशंसक माने जाते हैं, लेकिन उन्हें नंबर-तीन भेजना एक बड़े प्रयोग जैसा लग रहा है, जो फिलहाल टीम के लिए लाभ से ज्यादा जोखिम जैसा दिख रहा है। अभी तक सुंदर की मौजूदा भूमिका स्पष्ट नहीं है। क्या वह मुख्य रूप से बल्लेबाज हैं या क्या वह गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं या क्या उन्हें गंभीर एक भविष्य के स्पेशलिस्ट बैटर की तरह तैयार कर रहे हैं? कार्तिक का डर भी यही है। उन्होंने कहा, ‘जिस रोल के लिए सुंदर को बनाया गया है, वह उस दिशा से हट सकते हैं।’

पिच विवाद ने बढ़ाया दबाव, गांगुली ने गंभीर को बचाया
पहले टेस्ट की हार के बाद गंभीर की रणनीति पर जब सवाल बढ़े, तो पिच विवाद ने आग में और घी डाल दिया। लेकिन सौरव गांगुली ने साफ कहा कि अभी गंभीर पर कार्रवाई का कोई सवाल नहीं उठता। गांगुली ने कहा, ‘गौतम गंभीर को हटाने का सवाल ही नहीं है। इंग्लैंड में कोच और कप्तान दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया है।’ उन्होंने पिच को भी कठघरे में रखा और कहा, ‘यह पिच अच्छी नहीं थी। भारतीय टॉप और मिडिल ऑर्डर को इससे बेहतर विकेट मिलना चाहिए था।’

सुंदर का नंबर-तीन प्रयोग, बड़ा दांव या गलत दिशा?
पहले टेस्ट की हार के बाद स्पष्ट है कि भारतीय टीम को अपनी बल्लेबाजी संरचना पर गंभीरता से पुनर्विचार करना होगा। सुंदर की प्रतिभा में संदेह नहीं, लेकिन नंबर-तीन एक ऐसा स्थान है जहां टीम को वर्षों तक भरोसेमंद, स्पेशलिस्ट बल्लेबाज चाहिए। गांगुली और कार्तिक दोनों की राय एक जगह मिलती है कि सुंदर शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन नंबर-तीन शायद उनके लिए नहीं बना। अब देखना होगा कि दूसरे टेस्ट में गंभीर क्या फैसला करते हैं। क्या सुंदर फिर नंबर-तीन उतरेंगे? या टीम पुराने संतुलन पर वापस लौटेगी?

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