क्या अचानक ही चुप रहने लगा है आपका बच्चा, तो बिन बोले ही मांग रहा है मदद

बच्चे मासूम होते हैं, जिस वजह से अक्सर वे सीधे शब्दों में अपनी बातें नहीं कह पाते कि उन्हें मदद की जरूरत है, बल्कि वे अपने व्यवहार और हावभाव से संकेत देते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए यह समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि कब बच्चा किसी मानसिक, शारीरिक या भावनात्मक परेशानी से जूझ रहा है। यहां कुछ ऐसे छोटे-छोटे संकेत की जानकारी दी गई है,जो बताते हैं कि आपका बच्चा आपसे मदद मांग रहा है। आइए जानते हैं इनके बारे में-
चुपचाप रहना या बातचीत से बचना
अगर बच्चा अचानक कम बोलने लगा है, आपसे नजरें चुराने लगा है या बातचीत से बच रहा है, तो यह किसी चिंता या डर का संकेत हो सकता है।
गुस्सा या चिड़चिड़ापन बढ़ जाना
बच्चा बिना किसी कारण के बार-बार गुस्सा करता है या छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाने लगता है तो हो सकता है बच्चा किसी तनाव से गुजर रहा है और उसे आपकी सहायता चाहिए।
पढ़ाई या खेल में रुचि कम होना
अगर बच्चा अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज जैसे खेल, ड्राइंग या पढ़ाई में रुचि खोने लगे, तो यह मानसिक तनाव या उदासी का संकेत हो सकता है।
सोने की आदत में बदलाव
रात में ठीक से न सो पाना, बार-बार जागना या बहुत ज्यादा सोना बताता है कि बच्चे के दिमाग में कुछ परेशान करने वाली बातें चल रही हैं।
पेट दर्द या सिर दर्द की बार-बार शिकायत
बच्चे तनाव को शारीरिक लक्षणों के रूप में भी दिखा सकते हैं। अगर बच्चा बार-बार सिरदर्द, पेट दर्द या कमजोरी की शिकायत कर रहा है, तो यह मानसिक चिंता का संकेत हो सकता है।
स्कूल जाने से बचने के बहाने बनाना
अगर बच्चा बार-बार स्कूल जाने से मना कर रहा है या बहाने बना रहा है, तो हो सकता है कि उसे स्कूल में कोई परेशानी हो रही हो, जैसे दोस्ती में दिक्कत, डर या किसी तरह का दबाव।
बहुत सेंसिटिव या रोना
अगर बच्चा छोटी-छोटी बातों पर रोने लगे या भावनात्मक रूप से बहुत संवेदनशील हो जाए, तो यह बताता है कि उसे भावनात्मक सहारे की जरूरत है।
अकेले रहने की आदत
अगर बच्चा परिवार और दोस्तों से कटने लगा है और अकेले रहना पसंद कर रहा है, तो यह मानसिक परेशानी या अवसाद का संकेत हो सकता है।
आत्मविश्वास में कमी आना
अगर बच्चा खुद को बार-बार कमतर महसूस करने लगे या यह कहे कि वह किसी काम में अच्छा नहीं है, तो यह उसके अंदर के डर या असुरक्षा की भावना को दर्शाता है।
अजीब आदतें विकसित करना
नाखून चबाना, बार-बार चीजों को घुमाना या बेवजह इधर-उधर देखना किसी अंदरूनी घबराहट या चिंता का संकेत हो सकता है।
क्या करें
बच्चे से खुलकर बात करें और उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें।
उसे यह एहसास कराएं कि आप हमेशा उसके साथ हैं।
उसके व्यवहार में आए बदलावों को नजरअंदाज न करें।