कौन हैं दीपिका ढीमर? पिता का कर्ज चुकाने निकलीं और जीत लाईं रजत पदक, डल झील में लहराया परचम

कभी पिता का कर्ज चुकाने के लिए नाव चलाने वाली सीहोर जिले की मंडी गांव की 15 वर्षीय बेटी दीपिका ढीमर ने आज पूरे प्रदेश को गौरवान्वित कर दिया। जम्मू-कश्मीर की डल झील में आयोजित ‘प्रथम खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल 2025’ में दीपिका ने महिला वर्ग सी-2500 मीटर कयाकिंग-केनोइंग स्पर्धा में रजत पदक जीतकर सीहोर का नाम रोशन किया।

21 से 23 अगस्त तक चले इस फेस्टिवल में मध्यप्रदेश वाटर स्पोर्ट्स केनो स्लालम और रोइंग अकादमी के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 स्वर्ण, 2 रजत और 3 कांस्य सहित कुल 11 पदक जीते। झील की लहरों पर हुए संघर्षपूर्ण मुकाबले खिलाड़ियों की मेहनत और कौशल का साक्षात उदाहरण बने।

कर्ज चुकाने नाव चलाती थीं बेटियां
दीपिका और उनकी बड़ी बहन कावेरी ढीमर का बचपन संघर्ष से भरा रहा। कभी वे इंदिरा सागर बांध के किनारे नाव चलाकर मछलियां पकड़ा करती थीं, ताकि पिता का कर्ज उतारा जा सके। वही नाव चालन आज उनकी ताकत बन गया और खेल की दिशा में उनकी नई पहचान गढ़ी।

बहन कावेरी बनी प्रेरणा
दीपिका की बड़ी बहन कावेरी ढीमर पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की चैंपियन हैं। महज 13 साल की उम्र में कावेरी ने वॉटर स्पोर्ट्स की शुरुआत की और अब नौसेना में भी उनका चयन हो चुका है। कावेरी ने ही दीपिका को अकादमी से जोड़कर खेल की राह दिखाई। दोनों बहनों की यह प्रेरणादायक कहानी पूरे प्रदेश की बेटियों के लिए मिसाल है।

प्रदेश को गौरवान्वित किया
खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल के समापन पर प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह जीत मध्यप्रदेश के खेल भविष्य की नई दिशा तय करेगी। दीपिका और प्रगति शर्मा की जोड़ी ने महिला वर्ग में पदक जीतकर प्रदेश की खेल प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई।

सीहोर की पहचान बनी
15 वर्षीय दीपिका अब तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर मेडल जीत चुकी हैं। उनकी सफलता न केवल जिले के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है। संघर्षों से निकली यह बेटी आज सीहोर की पहचान बन गई है।

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