कोहली के सामने आई विराट मुसीबत, आखिरी मैच में बाहर हो सकते हैं दोनों ओपनर

बेंगलुरू। विश्व की दो सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट टीमों के बीच रविवार को होने वाले सीरीज के आखिरी मैच को अगर रोमांच की चरम सीमा कहा जाए तो शायद की अतिश्योक्ति होगी। बीते दो मैचों में जिस तरह की क्रिकेट देखने को मिली है उसने इन दोनों टीमों के स्तर को ऊंचा ही उठाया और यह भी साबित किया है दोनों टीमों में ज्यादा अंतर नहीं है और किसी भी दिन कोई भी टीम विजय पताका फहरा सकती है। मुंबई में खेले गए पहले मैच में आस्ट्रेलिया ने भारत को 10 विकेट से जिस तरह धोया उसने मेजबानों पर सवाल खड़े किए। विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम ने धैर्य दिखाया और राजकोट में वापसी करते हुए सीरीज 1-1 से बराबर कर दी। अब सीरीज का तीसरा और आखिरी वनडे एम चिन्नास्वामी में खेला जाना है जो निर्णायक है और इन दोनों टीमों के लिए बेहद अहम।

कोहली

यह कहना कि किसी एक टीम का पलड़ा भारी है यह गलती होगी। बेशक भारत अपने घर में खेल रहा है लेकिन आस्ट्रेलिया ने उसे कड़ी चुनौती दी है। दूसरे मैच में भी आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने अच्छा खेल दिखाया लेकिन स्कोरबोर्ड पर ज्यादा रन होना उनके लिए सिर दर्द रहा। पहले मैच में भारतीय बल्लेबाजी नहीं चली थी लेकिन दूसरे मैच में इस बल्लेबाजी क्रम ने 340 रनों का आंकड़ा छुआ। विराट कोहली, शिखर धवन और लोकेश राहुल ने बेहतरीन पारियां खेलीं वहीं रोहित शर्मा अर्धशतक से चूक गए थे। सिर्फ परेशानी रही तो श्रेयस अय्यर और मनीष पांडे का एक बार फिर विफल होना। राहुल ने पांचवें नंबर पर आकर भारतीय मध्यक्रम की अंत में ढहने की आदत को राजकोट में दोहराव से बचा लिया। बेंगलुरू में भारत को कुछ बदलाव करने के लिए विवश होना पड़ सकता है। धवन को बल्लेबाजी के दौरान पसलियों में गेंद लग गई थी इसी कारण वह गेंदबाजी करने नहीं उतरे थे। रोहित भी फील्डिंग के दौरान चोटिल हो गए थे।

इन दोनों की चोटों को लेकर अभी तक कोई साफ खबर सामने नहीं हैं इसलिए भारतीय टीम में बदलाव की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता। धवन और रोहित में से अगर कोई एक भी बाहर होता है तो राहुल फिर सलामी बल्लेबाज के तौर पर दिख सकते हैं। यहां फिर मध्य क्रम को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं।

ऋषभ पंत चोट के कारण पिछले मैच में नहीं खेले थे और इस मैच में उनकी वापसी की संभावनाएं हैं। राहुल अगर ऊपर जाते हैं तो मध्य क्रम की जिम्मेदारी एक बार फिर पंत, अय्यर और पांडे पर होगी। यह तीनों क्या करते हैं, कितने सफल होते हैं यह मैच के दिन ही साफ होगा। मुंबई में भारतीय गेंदबाज विकेट लेने में सफल नहीं रहे थे, लेकिन राजकोट में उन्होंने विशाल लक्ष्य का बचाव किया था। लेकिन एक बात गौर करने वाली होगी कि आस्ट्रेलिया ने फिर भी 300 का आंकड़ा पार कर लिया था। ऐसे में कोहली को सोचना होगा कि आस्ट्रेलिया को कम स्कोर पर कैसे रोका जाए।

वहीं अगर आस्ट्रेलिया की बात जाए तो उसकी चिंता मुख्य रूप से गेंदबाजी होगी जिसने भारतीय बल्लेबाजों को 340 रनों के स्कोर तक पहुंचने दिया। फिंच ने दूसरे मैच से पहले जोश हेजलवुड को टीम में शामिल करने के संकेत दिए थे लेकिन वह राजकोट में नहीं खेले थे। अब जबकि दूसरे मैच में पैट कमिंस और मिशेल स्टार्क विफल रहे थे तो उम्मीद है कि हेजलवुड को मौका दिया जाए। बल्लेबाजी में टीम ज्यादा चिंतित नहीं होगी। टीम का शीर्ष क्रम और मध्य क्रम बड़ा स्कोर करने का दम रखता है, यह फिंच भी जानते हैं और कोहली भी।

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