कोहली के ‘ड्रीम कॉम्बिनेशन’ से निकलता है टीम इंडिया की जीत का रास्ता

ड्रीम कॉम्बिनेशन, जी हां टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली मौजूदा गेंदबाजी अटैक को यही नाम देते हैं। उनकी कप्तानी में टीम एक और टेस्ट मैच जीत चुकी है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से टीम प्वाइंट टेबल में पहली पायदान पर लगातार काबिज है।

तीन दिन में बांग्लादेश की टीम धूल चाट रही है। इससे पहले कुछ ऐसा ही बुरा हाल दक्षिण अफ्रीका का था। आपको याद दिला दें कि पिछले करीब दो साल में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हरा चुकी है। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी उसने टेस्ट मैच जीते हैं।

इन सारी ऐतिहासिक जीतों का रास्ता विराट कोहली के ड्रीम कॉम्बिनेशन से ही होकर गुजरता है। इस ड्रीम कॉम्बिनेशन में फिलहाल ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव हैं। इन तीनों गेंदबाजों ने मिलकर बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में 20 में से 14 विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भी तेज गेंदबाजों ने 26 विकेट झटके थे।

बांग्लादेश की टीम भले ही टेस्ट क्रिकेट में बहुत कमजोर मानी जाती है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका की हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी। भूलिएगा नहीं कि अभी जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार टीम से बाहर हैं। इन दोनों की वापसी के बाद टीम इंडिया का गेंदबाजी अटैक और विराट कोहली का ड्रीम कॉम्बिनेशन और भी खतरनाक हो जाएगा।

फिलहाल टीम इंडिया के बॉलिग अटैक में सबसे अनुभवी गेंदबाज ईशांत शर्मा हैं। विकेट दिलाने के लिहाज से ये बागडोर मोहम्मद शमी ने संभाल रखी है। उनकी रिवर्स स्विंग और सटीक लाइन लेंथ के आगे बड़े से बड़े बल्लेबाज का क्रीज पर टिकना मुश्किल हो जाता है।

विराट कोहली जब जब शमी को गेंद थमाते हैं वो अपने कप्तान को विकेट लेकर देते हैं। जो एक गेंदबाज और कप्तान के बीच विश्वास को और मजबूत बनाता है। बांग्लादेश के खिलाफ पहली पारी में शमी ने 3 विकेट लिए थे। दूसरी पारी में उन्होंने 4 विकेट झटक लिए। आंकड़े ये भी बताते हैं कि पिछले कुछ समय में शमी दूसरी पारी में दुनिया के सबसे कामयाब और घातक गेंदबाज हैं। मोहम्मद शमी ने पिछले 2 साल में दूसरी पारी में 20 टेस्ट मैचों में 51 विकेट लिए, जिसमें उनकी स्ट्राइक रेट 32.05 की रही है।

ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस ने पिछले दो सालों में 18 टेस्ट में 48 विकेट लिए हैं, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 36.6 की रही । दक्षिण अफ्रीका के कागिसो रबाडा ने पिछले 16 मैचों में 40.4 की स्ट्राइक रेट से 34 विकेट लिए हैं। शमी के बाद बात उमेश यादव की। छोटे रनअप के साथ उमेश यादव की गेंद टीम इंडिया को शुरूआती कामयाबी दिलाती है। इस टेस्ट मैच में उनकी इनस्विंग गेंदबाजी शानदार रही। बांग्लादेश के खिलाफ उमेश ने दोनों पारियों को मिलाकर 4 विकेट लिए।

कामयाबी के लिहाज से भले ही ईशांत शर्मा पिछड़ते दिखते हों लेकिन विरोधी टीम के बल्लेबाजों को परेशान करने में उनका कोई तोड़ नहीं है। अपनी लंबाई की वजह से उन्हें ज्यादा उछाल मिलती है। जिसका फायदा उठाने से वो बिल्कुल नहीं चूकते। हां, ये बदकिस्मती है कि उनकी गेंद पर बल्लेबाज ‘बीट’ तो हो रहे हैं लेकिन आउट नहीं होते। इंदौर टेस्ट में जीत के बाद एक इंटरव्यू के दौरान वो इसी बात पर शमी के साथ चुहलबाजी भी करते दिखे।

टीम इंडिया पारंपरिक तौर पर स्पिनर्स की बदौलत मैच जीतने वाली टीम है। लेकिन हाल के टेस्ट मैचों में स्पिनर्स की भूमिका ‘सेकेंडरी’ हो गई है। पहले की रणनीति थी कि तेज गेंदबाजों के शुरूआती ओवरों में पिच पर ‘रफ’ बनाने के बाद स्पिनर्स को गेंद दे दी जाती थी।

स्पिनर्स एक एक छोर पकड़कर पिच पर आए ‘क्रैक’ और पिच के मूल घुमाव का फायदा उठाते हुए विरोधी बल्लेबाजों को आउट करते थे। लेकिन अब तेज गेंदबाज जब गेंदबाजी शुरू करते हैं तो उन्हें पता होता है कि उन्हें ही विकेट भी निकालना है। वो विकेट लेने के लिए स्पिन गेंदबाजों की तरफ मुंह उठाकर नहीं देखते।

पिच के मिजाज के बारे में सोचकर परेशान नहीं होते। जिस गेंदबाज को ज्यादा विकेट मिलता है उसे ज्यादा गेंदबाजी मिलती है। दरअसल देखा जाए तो एक मायने में टेस्ट क्रिकेट की खूबी भी यही है कि टीमें जब विदेश दौरों पर जाती हैं तो उन्हें वहां की ‘कंडीशंस’ के हिसाब से खेलना होता है। इस लिहाज से मौजूदा गेंदबाजों की रणनीति और कारगर साबित होगी।

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