जानें क्यों कोरोना वायरस से बेख़ौफ़ हैं ब्रिटेन, सामने आई ये बड़ी रिपोर्ट

चीन में कोरोना वायरस का आतंक ऐसा है कि पूरी दुनिया डर के साए में जी रही है। चीन में इस खतरनाक वायरस से अब तक करीब 1800 लोगों की मौत हो चुकी है और यह पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बना हुआ है। कोरोना वायरस से अपने नागरिकों को बचाने के लिए दुनिया की हर सरकारें हर संभव कोशिश कर रही हैं। ठीक इसी तरह की एक कोशिश ब्रिटेन ने की, मगर उसमें भी लोग अपना फायदा देखने लगे और मौज काटने लगे। कोरोना वायरस को लेकर सरकार के विचाराधीन आदेश (फिलहाल एक सुझाव) पर ब्रिटेन के लोगों मौज काट रहे हैं और एक तरह से इसका मजाक उड़ा रहे हैं। दरअसल, ब्रिटेन की सरकार यह आदेश लागू करने पर विचार कर रही है कि अगर किसी को लगता है कि वे बीमार हैं तो खुद को भीड़भाड़ से अलग रखें और घर पर ही रहें।

डेलीमेल की खबर के मुताबिक, अगर कोरोना वायरस का संकट कम नहीं होता है तो उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य अधिकारी यह आदेश जारी कर कह सकता है कि अगर किसी को खांसी या फ्लू जैसी बीमारी हो, तो वे 14 दिनों के लिए काम पर ले जाना चाहिए। संभावना जताई जा रही है कि इस फैसले से लाखों लोग प्रभावित होंगे। 

इस पोटेंशियल एडवाइस पर ब्रिटेन के लोग मौज ले रहे हैं और कह रहे हैं कि ‘यह तो स्वर्ग जैसा महसूस हो रहा है।’ इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की बातें की जा रही हैं।

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एक ट्विटर यूजर ने सवाल करते हुए लिखा कि देखिए ब्रिटेन के लोग कैसे छुट्टी के लिए लालायित हैं। वहीं अन्य ने पूछा कि दुनियाभर में 1800 लोगों की मौत हो चुकी है और 71,000 से ज्यादा मामले सामने आ गए तो अब तक यह आदेश जारी क्यों नहीं किया गया?

हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों में यह आदेश जारी कर दिया है कि अगर कोरोना वायरस का कोई संदिग्ध मामला सामने आता है तो न तो स्कूल बंद किया जाए और न ही स्टाफ या बच्चों को घर पर भेजा जाए।

एक ट्विटर यूजर ने कहा कि लोगों को खुद को अलग-थलग करना ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी हो सकता है। 

बता दें कि यूके में अस्पतालों ने पहले ही ‘आइसोलेशन शेल’ बना दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन मरीजों को कोरोनो वायरस का परीक्षण किया गया है उन्हें दूसरों से दूर रखा जाए।

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