कोरोना वायरस से बचने के लिए अब इस जानवर को खा रहे है चीनी लोग, कहीं खड़ी ना हो जाए नई मुसीबत

चीन की स्वास्थ्य व्यवस्था इस समय पूरी तरह से ध्वस्त है. कोरोना वायरस का अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं तैयार हो सका है. ऐसे में चीनी अपने दादी-नानी के नुस्खों पर वापस लौटने लगे हैं. खुद डाक्टर भी इस वायरस से बचाव के लिए परंपरागत उपचार के इस्तेमाल पर जोर देने के लिए कह रहे हैं. ऐसे में चीनी लोग अपनी जान बचाने के लिए कई किस्म के नुस्खें अपना रहे हैं.

कोरोना वायरस का कोई ठोस इलाज तैयार नहीं होने के चलते अब चीनी डाक्टर तक पुराने नुस्खों को अपनाना शुरू कर चुके हैं. ऐसे में अब चीन के सभी अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों को कछुए का मीट खिलाया जा रहा है. चीनी वैज्ञानिकों का मानना है कि इस संक्रमण के कारण शरीर में शक्ति की कमी हो रही है. ऐसे में कछुए का मीट शरीर को हाई प्रोटीन मुहैया कराता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के जिन अस्पतालों में कोरोना वायरस के रोगी हैं उन सभी में रात को डिनर में अनिवार्य रूप से कछुए का मीट दिया जा रहा है.

शरीर में कोरोना वायरस का असर होते ही सबसे पहले होता हैं ये बड़ा बदलाव…

प्राप्त जानकारी के अनुसार, वायरस से संक्रमित लोग अब एलोपैथी दवाओं से अधिक अपने पुराने इलाज पद्धति पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं. इन दिनों बैल के सींग का चूरा और अन्य हर्बल दवाओं का अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है. चीन में देसी दवाओं की दुकानों में अन्य मेडिकल स्टोर्स के मुकाबले अधिक भीड़ होने लगी है.

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