कोई नही जानता होगा ऊंट के बारे में ये बड़ा राज, एक बार में पी सकता है इतने लीटर पानी

ऊँट ज्यादातर राजस्थान में पाए जाने वाला जीव हैं जो रेगिस्तान में परिवहन के बहुत काम आते हैं। इसलिए ही ऊँट को ‘रेगिस्तान का जहाज’ बताया जाता है। जो रेगिस्तान में आराम से चलने में सफल होता हैं। आज हम आपको इसके बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको भी नहीं पता होगा।

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  • ऊँट की बॉडी का क्षेत्रफल काफी कम होता है ताकि जल संरक्षण किया जा सके।
  • ऊँट की टांगे द्विअंगुलिक होती है और रेत पर चलने के लिए हर टांग में एक बड़ी होती है। अंगुलियों में नाख़ून होते है।
  • ऊँट का आहार जठर के कोषयुक्त रूमेण में पहुचता है जहां ये नरम हो जाता है और इसे जुगाल कहते है। इस जुगाल को पुन: मुंह में लाया जाता है जहां इसे फिर चबाया जाता है।
  • ऊँट बिना पानी पिए 20 दिन तक जीवित रह सकता है और ऊँट प्यासा हो तो एक बार में 100 लीटर से ज्यादा पानी पी सकता है।
  • ऊँट की आँखों और नासाछिद्रों के चारो ओर बड़े बड़े बालो की झाल्ल्रिया होती है यह आँख और नाक को रेत के झोंको से बचाती है।
  • लम्बी रेगिस्तानी यात्राओं पर निकलने से पहले ऊँट खूब पानी पी लेता है। इस प्रकार खाद्य पदार्थो के संचय होने से ऊँट का कूबड़ ऊँचा और ठोस हो जाता है। जैसे जैसे कूबड़ की चर्बी पिघलती जाती है कूबड़ के उपर की त्वचा सिकुड़ी हुयी थैली के रूप में एक ओर लुढक जाती है।
  • ऊँट के कंधे की उंचाई 6 फीट होती है। इसका वजन 1100 पौंड तक होता है।
  • मादा ऊँट 370 से 420 दिन गर्भधारण के पश्चात एक बच्चा देती है।
  • ऊँट की एक विचित्र आदत है दांतों से कांटने की। अपने दुश्मनों को ये कुत्ते की तरह काट खाता है।
  • ऊँट के बारे में एक विचित्र बात ये है कि यदि इसकी बॉडी में जल की सिर्फ 25 प्रतिशत तक कम हो जाए तो भी कोई फर्क नही पड़ता जबकि इंसान में यदि 12 प्रतिशत जल की मात्रा कम हो जाए तो हालात चिंताजनक हो जाते है।
  • ऊँट की मुख्यत- 2 प्रजातियाँ होती है पहली एक कूबड़ वाली यानि अरेबियन ऊँट और दुसरी दो कूबड़ वाली यानि बक्ट्रियन ऊँट।
  • अरेबियन ऊँट अब जंगली अवस्था में नही पाया जाता है तात्पर्य यह है कि इस प्रजाति का ऊँट पूर्णत: पालतू बन चुका है
  • 2 कुबड वाला ऊँट केवल गोबी मरुस्थल में पाया जाता है।

 

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