कॉल सेंटर का टॉयलेट हुआ जाम, निकले ऐसे सामान कि उड़ गए सबके होश!
पिछले कई वर्षों से हमारे देश में कॉल सेंटर कल्चर ने कुछ ज्यादा ही तेजी से पैर पसारे हैं। इस क्षेत्र ने बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार की व्यवस्था की लेकिन साथ ही कई बुराइयां भी दीं
देश की एक आईटी सिटी के कॉल सेंटर कर्मी उस समय शर्मसार हो गए, जब शौचालय जाम होने पर उसे साफ करने आये कर्मचारियों ने वहां से कई किलो कंडोम निकाला। इसके बाद ही उस शौचालय का निकास मार्ग साफ हो सका।
कॉल सेंटर कल्चर ने रोजगार तो दिया लेकिन साथ ही कई बुराइयां भी दीं
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कॉल सेंटरों के अस्तित्व में आने के बाद से ही अख़बारों की सुर्खियों में उनके शौचालयों का जिक्र भी होता था। इस्तेमाल करने के बाद फेंके गये हजारों कंडोम के कारण शौचालयों के बाधित हुए निकास मार्ग की खबरें उन दिनों प्रमुखता से छपती थी।
बता दें कि, ऐसे ही देश के आईटी सिटी बेंगलुरू के कॉल सेंटर हब के नाम से मशहूर एक प्रांत में सफाई कर्मचारियों की परेशानियां भी इन सुर्खियों का हिस्सा बन जाती थी। बेंगलुरू के इसी प्रांत में उस समय गर्भपात कराने वाली युवतियों की संख्या अचानक बढ़ गई थी।
ऐसे कार्यों में सभी शामिल नहीं
हालांकि, कॉल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों में सब ऐसे नहीं थे लेकिन अधिकांश युवा इस पाश्चात्य कचड़े को ही आधुनिक जीवनशैली समझ बैठे थे। उनकी इस हरकत के चलते उन सफाई कर्मचारियों का सिरदर्द भी बढ़ जाता है जिन्हें कॉल सेंटर के शौचालयों के निकास मार्ग से हजारों कंडोम निकालकर उसे साफ करना पड़ता है।
भारत में जैसे-जैसे कॉल सेंटर फले-फूले वैसे-वैसे भारतीय युवाओं की जीवनशैली में बदलाव हुए। इन बदलावों ने केवल कार्यशैली और खान-पान को ही प्रभावित नहीं किया बल्कि सामाजिक परम्पराओं पर भी गहरा असर डाला।
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काम के दबाव को कम करने के लिए ईजाद किये गये ऐसे तरीके
देश की आईटी नगरों में तेजी से बढ़ रहे कॉल सेंटरों में काम करने वाले अधिकांश युवाओं ने काम के कारण होने वाले मानसिक दबाव को दूर करने के लिये कुछ तरीके खोजे। ये तरीके सिगरेट के धुएं का छल्ला बनाने से लेकर शराब और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से जुड़े थे।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, अमेरिकी कार्यशैली को अंधाधुंध अपनाने वाले युवाओं ने अपना दबाव कम करने के लिये एक और तरीका निकाला। यह तरीका था आपसी सहमति के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने का।
रात्रि-प्रहर में काम करने वाले युवक-युवतियां मानसिक दबाव की आड़ में शारीरिक संबंध स्थापित करते थे। इसके लिए कॉल सेंटर के शौचालय को महफ़ूज माना जाता था। इसके अलावा नजदीकी पार्क या पार्किंग क्षेत्र भी महफ़ूज जगहों की सूची में शामिल थे।