कॉल रिकॉर्ड कर सकता है ‘BHIM ऐप’, हो जाये सावधान

डीमोनेटाइजेशन के बाद BHIM ऐप को डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है. BHIM ऐप डाउनलोड कराने पर लोगों को पैसे भी मिलेंगे. ई-वॉलेट कंपनियों को BHIM ऐप टक्कर दे सकता है, ऐसी बाते सुनने को मिल रही हैं. काफी संभावनाएं हैं भीम ऐप में. लेकिन प्राइवेसी एक्टिविस्ट इसपर भी Aadhaar की तरह ही सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि यह सुरक्षित नहीं है. उनका दावा है कि इस ऐप में गंभीर प्राइवेसी समस्या हैं जिनके बारे में लाखों लोगों को नहीं पता.

अब एक हैदराबाद के सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट जो डिजिटल और कैशलेस पेमेंट सिस्टम को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं. उन्होंने दावा किया है कि BHIM ऐप और इसके टर्म्स और कंडीशन में संभावित प्राइवेसी समस्या और कॉल रिकॉर्डिंग की बाते हैं.श्रीकांत ने कहा है कि BHIM ऐप के टर्म्स एंड कंडीशन के मुताबिक बैंकों द्वारा चलाई जाने वाली गैरसकारी और नॉट फॉर प्रॉफिट संस्था NPCI यूजर्स को फोन कॉल को रिकॉर्ड कर सकती है.श्रीकांत ने टर्म्स एंड कंडीशन्स का हवाला देते हुए कहा कि NPCI को दिए गए परमिशन के तहत ये संस्था यूजर्स के IMEI नंबर हासिल कर सकती है. इतना ही नहीं इस कंडीशन के तहत NPCI लीगल तरीके से टेलीकॉम ऑपरेटर से यूजर्स की रिकॉर्डेड कॉल की मांग कर सकती है.

सॉफ्टवेयर प्राइवेसी एक्सपर्ट श्रीकांत ने यह भी कहा है कि BHIM के टर्म्स और कंडीशन्स के कई वर्जन हैं. इंस्टॉलेशन के दौरान दिखाए जाने वाले टर्म्स और NPCI की वेबसाइट पर पीडीएफ में दिए गए टर्म्स और कंडीशन अलग हो सकते हैं.भीम ऐप एंड्रॉयड स्मार्टफोन में इंस्टॉल करते समय एंड्रॉयड यूजर्स को टर्म्स और कंडीशन्स मिलते हैं. हालांकि एक बार इंस्टॉल कर लिया इसके बाद यूजर टर्म्स और कंडीशन्स को मैनुअली अपडेट नहीं कर सकता. नए अपडेट आने पर खुद ऐप में नए कंडीशन्स अपडेट हो जाते हैं यानी यूजर्स के पास न ऐक्सेप्ट करने का ऑप्शन नहीं होता.

हालांकि iOS यूजर्स ऐप इंस्टॉल करने के बाद भी टर्म्स एंड कंडीशन्स अपडेट कर सकते हैं.हालांकि सिर्फ श्रीकांत ऐसे नहीं हैं जिन्होंने भीम ऐप से जुड़े प्राइवेसी समस्या को बताया है . बल्कि इससे पहले भी प्राइवेसी ऐक्टिविस्ट इस तरह की बात करते आए हैं. हालांकि कई एक्सपर्ट्स ने इस ऐप में कोई बग नहीं पाया है और कहा है कि इससे यूजर्स को कोई खतरा नहीं है.

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