कॉलेज के ये लड़के अपनी वर्जिनिटी खोने को हैं बेताब: Video

सेक्स फंतासियों के पीछे भागने वाले कॉलेज के चार छात्रों पर बनी एक भारतीय ‘सेक्स कॉमेडी’ ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। अंग्रेज़ी में बनी फ़िल्म ‘ब्राह्मण नमन’ को कोलकाता के फ़िल्म निर्माता ‘क्यू’ ने निर्देशित किया है और इसी महीने इस फ़िल्म को इंटरनेट के माध्यम से नेटफ़्लिक्स पर रिलीज़ किया गया।

तीन कॉलेज छात्रों के इर्द गिर्द घूमती कहानीकॉलेज के ये लड़के अपनी वर्जिनिटी खोने को हैं बेताब

यह फ़िल्म उन तीनों छात्रों के इर्द गिर्द घूमती है, जो अपनी वर्जिनिटी खोना चाहते हैं। 95 मिनट की इस फ़िल्म को हिट क़रार दिया जा रहा है। टीनेज़ म्यूटेंट निंजा टर्टल्स से मशहूर हुए, ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके और एमी पुरस्कार विजेता ‘स्टीव बैरोन’ इस फ़िल्म के सह निर्माता हैं।

ये जबर कहानी भारतीय पत्रकार नमन रामचंद्रन ने लिखी

इस फ़िल्म की कहानी लंदन में रह रहे एक भारतीय पत्रकार नमन रामचंद्रन ने लिखी है। ‘ब्राह्मण नमन’ की लोकप्रियता को लेकर अब भारत के फ़िल्म समीक्षकों में चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे ‘अमेरिकन पाई’ का ही हिंदी रूप बता रहे हैं, तो कोई इसे ‘अश्लील कॉमेडी’ फिल्म बता रहें हैं।

सेक्स की चाहत पर पाबंदीUntitled-4

1980 के दशक के बेंगलुरू शहर की पृष्ठभूमि पर बनी इस फ़िल्म की सफलता का एक बड़ा कारण है, दक्षिण भारत की उच्च जाति के कट्टर ब्राह्मणों और सामाजिक माहौल का रूप दिखाती है, जो वयस्क जीवन में प्रवेश के तरीक़ों के रूप में सेक्स की चाहत पर पाबंदी लगाते हैं।

सेंसरशिप की फ़ितरत को देखते हुए नेटफ्लिक्स पर रिलीज़

इस फ़िल्म का कहानी और सेंसरशिप की फ़ितरत को देखते हुए निर्माताओं ने इसे पिछली जनवरी में वर्ल्ड सिनेमा ड्रामेटिक कम्पटीशन में रिलीज़ किया था। बाद में इस महीने की शुरुआत में नेटफ्लिक्स पर इसे पूरी दुनिया में रिलीज़ किया गया।

फ़िल्म के चारों क़िरदार अनाड़ी और अजीब160721141040_brahman_naman_03_624x351__nocredit

वैसे तो यह फ़िल्म अंग्रेज़ी में है, लेकिन इसमें दक्षिण भारत कि स्थानीय कहावतों का काफ़ी इस्तेमाल किया गया है। फ़िल्म के चारों क़िरदार अनाड़ी और अजीब हैं और अपनी हैरान कर देने वाली सेक्सुअल फंतासियों का पीछा करते रहते हैं।

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कॉलेज के ये लड़के अपनी वर्जिनिटी खोने को हैं बेताब

लीड एक्टर नमन उस लड़की से मिलने की योजना बनाता है, जिसे वो पसंद करता है, लेकिन बुरी तरह हकलाता है। अभिनेत्री(नैना) भी स्मार्ट, ज़िंदादिल और पुरुषों के मुक़ाबले खुद के प्रति अधिक सतर्क है। चेन्नई की नैना, अपनी जाति और वर्ग के अक्खड़पन में चूर नमन को पसंद करने लगती है।

एक मज़ेदार और भविष्य का सिनेमा

इस फ़िल्म की शूटिंग मैसूर में 22 दिन में हुई। फ़िल्म दो शहरों बेंगलुरु और कोलकाता पर आधारित है। बहुतों का कहना है कि इसीलिए ‘ब्राह्मण नमन’ एक मज़ेदार और भविष्य का सिनेमा है।

 

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