कॉलेजों में पढ़ाते हुए टीचर्स के बनेंगे वीडियाे, प्लेसमेंट के आधार पर तय होगी क्वालिटी

भोपाल. सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में संचालित बीएड कोर्स की पढ़ाई की गुणवत्ता का आकलन अब क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) करेगी। अभी तक यह जिम्मेदारी नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (नैक) की थी। क्यूसीआई औचक निरीक्षण कर कॉलेजों का मूल्यांकन करेगी। क्यूसीआई की टीम कॉलेजों की जमीन और एकेडेमिक रिकाॅर्ड देखने के साथ ही टीचर के पढ़ाने और छात्रों के सीखने का आकलन करेगी। निरीक्षण के दौरान टीचर्स का बाकायदा पढ़ाते हुए वीडियो बनाया जाएगा।
कॉलेजों में पढ़ाते हुए टीचर्स के बनेंगे वीडियाे, प्लेसमेंट के आधार पर तय होगी क्वालिटी
नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने बीएड सहित अन्य एजुकेशन पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता को परखने के लिए नैक से अनुबंध तोड़कर क्यूसीआई से करार किया है। इस नई व्यवस्था से प्रदेश के कॉलेजों में हड़कंप मच गया है। गुजरात सहित अन्य राज्यों में तो कई कॉलेज हाईकोर्ट में याचिका दायर भी कर चुके हैं। काॅलेजों को इस बात का डर है कि अगर क्यूसीआई की टीम औचक निरीक्षण करती है तो जमीनी हकीकत सामने आ जाएगी। खासकर छात्रों की उपस्थिति को लेकर कॉलेज संचालक घबराए हुए हैं। ज्यादातर कॉलेजों के बारे में शिकायत आती रही है कि छात्र केवल एडमिशन लेने के बाद सीधे परीक्षा देने ही आते हैं। एनसीटीई ने मूल्यांकन के जो पैरामीटर बनाए हैं उसमें सबसे ज्यादा प्वाइंट छात्रों की पढ़ाई, उनके सीखने और प्लेसमेंट के लिए ही तय हैं। कॉलेजों को इस बात का डर है कि यदि क्यूसीआई की टीम औचक निरीक्षण करती है और कॉलेज में छात्र नहीं मिलते हैं तो गलत प्रभाव पड़ेगा।
 
कॉलेजों की दलील… डेढ़ लाख रुपए और देना होंगे नैक को
काॅलेज संचालकों की दलील है कि एनसीटीई ने संस्थान की गुणवत्ता परखने के लिए जो नई व्यवस्था लागू की है उससे आर्थिक भार पड़ेगा। अभी नैक से मूल्यांकन कराने में 3 लाख तक का खर्चा आता है। क्यूसीअाई के लिए कॉलेजों को 1.50 लाख रुपए बतौर फीस एनसीटीई को देने होंगे। अभी तक नैक एनसीटीई से हुए करार के तहत ही बीएड सहित अन्य मान्यता प्राप्त कोर्सेस का मूल्यांकन करती थी।
 
तैयारी…इन पैरामीटर पर आकलन करेगी क्यूसीआई की टीम
– टीचर किस तरह पढ़ाते हैं इसे देखने के लिए शिक्षकों के लेक्चर का बाकायदा वीडियाे बनेगा। 
– कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर की फोटोग्राफी होगी। 
– छात्रों के सीखने का आकलन किया जाएगा। यह भी देखेंगे कि छात्र के सीखने की क्षमता कितनी है। 
– छात्रों के प्लेसमेंट का रिकाॅर्ड भी देखा जाएगा। 
– कॅरिकुलम के साथ ही लीडरशिप और गवर्नेंस का आकलन होगा।
 
देशभर में विरोध, हाईकोर्ट से स्टे ले चुके हैं कुछ कॉलेज
– इस नई व्यवस्था के खिलाफ कॉलेज अपने स्तर पर हाईकोर्ट जा रहे हैं। अभी एसोसिएशन ने इस मामले में कोई फैसला नहीं किया है। इस व्यवस्था का देश भर में विरोध हो रहा है। कुछ राज्यों के तो कॉलेज हाईकोर्ट जा चुके हैं और उन्हें स्टे भी मिल चुका है।
एके उपाध्याय, सचिव, प्रादेशिक शिक्षा महाविद्यालय संघ

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