कैसे थीमैटिक म्यूचुअल फंड के साथ मैक्रो ट्रेंड का फायदा उठाएं?

थीमैटिक म्यूचुअल फंड एक टॉप-डाउन इन्वेस्टिंग के तरीके को अपनाते हैं। वे मैक्रो ट्रेंड पर नजर रखते हैं और उन सेक्टर्स की पहचान करते हैं जो इन ट्रेंड से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। फिर फंड मैनेजर उस सेक्टर की उन कंपनियों का चयन करता है जो फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग होने के साथ-साथ उस ट्रेंड से लाभ उठाने की स्थिति में भी हैं।
जब हम इक्विटी में निवेश के बारे में सोचते हैं, तो हम आमतौर पर बढ़ता कैश फ्लो, हाई मैनेजमेंट क्वालिटी और एक विश्वसनीय ब्रांड के साथ फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग बिजनेस के बारे में विचार करते हैं। यह एक बॉटम-अप रिसर्च है। लेकिन निवेश जितना बॉटम-अप एनालिसिस पर आधारित होता है, उतना ही टॉप-डाउन रिसर्च पर भी।

टॉप-डाउन रिसर्च में व्यापक रूप से आर्थिक और बाजार की स्थितियों को देखा जाता है। GDP ग्रोथ, इंटरेस्ट रेट साइकिल, महंगाई, एक्सचेंज रेट, ग्लोबल ग्रोथ एनवायरमेंट और पॉलिसी डायरेक्शन जैसे मैक्रो ट्रेंड को समझने से निवेशकों को यह पहचानने में मदद मिलती है कि कौन से सेक्टर्स के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है और किन सेक्टर्स को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

समझें टॉप-डाउन और बॉटम-अप का महत्व
उदाहरण के लिए, हाइयर इंटरेस्ट रेट आमतौर पर बैंकों के लिए अच्छा, लेकिन EMIs महंगी होने से रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। या ज्यादा महंगाई कंज्यूमर ड्यूरेबल की मांग को कम करती है, लेकिन मेटल्स जैसे कमोडिटी सेक्टर्स को लाभ होता है। करेंसी डेप्रिसिएशन IT और फार्मा जैसे एक्सपोर्ट करने वाले सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, लेकिन यही चीज इम्पोर्ट-हेवी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के लिए अच्छी खबर नहीं है।

टॉप-डाउन और बॉटम-अप, दोनों ही तरीकों के साथ बेहतर निवेश निर्णय लिए जा सकते हैं। एक FMCG कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हो सकते हैं, और अपने आप में एक सॉलिड इन्वेस्टमेंट हो सकता है। लेकिन फिर भी उसे अपने ऑपरेशन को व्यापक आर्थिक परिवेश में आगे ले जाना होगा। अगर कंजम्पशन कम है, तो FMCG बिजनेस भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगा। ऐसे मामलों में, कंपनी की स्ट्रेंथ प्रतिकूल मैक्रो कंडीशन के कारण कमजोर पड़ सकती हैं, जिससे शेयर की बेहतर रिटर्न देने की क्षमता पर सवालिया निशान लग सकता है।

किन फंड्स पर करें विचार?
थीमैटिक म्यूचुअल फंड एक टॉप-डाउन इन्वेस्टिंग के तरीके को अपनाते हैं। वे मैक्रो ट्रेंड पर नजर रखते हैं और उन सेक्टर्स की पहचान करते हैं जो इन ट्रेंड से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। फिर फंड मैनेजर उस सेक्टर की उन कंपनियों का चयन करता है जो फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग होने के साथ-साथ उस ट्रेंड से लाभ उठाने की स्थिति में भी हैं। इस प्रकार, थीमैटिक फंड पोर्टफोलियो को केवल कंपनी-स्पेसिफिक फंडामेंटल तक सीमित रखने के बजाय, मैक्रोइकॉनॉमिक्स थीम के साथ चलते हैं। निवेशक अपने इक्विटी निवेश के लिए बड़े अवसरों का लाभ उठाने के लिए थीमैटिक फंडों में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।

अलग-अलग सेक्टर्स में उभरते अवसरों का लाभ उठाने के इच्छुक निवेशक ICICI Prudential Thematic Advantage Fund (FoF) पर विचार कर सकते हैं। यह Fund of Funds स्कीम, मिक्स ऑफ सेक्टोरल एंड थीमैटिक फंडों में निवेश करती है, जिससे डायवर्सिफाई एक्सपोजर मिलता है। 30 जुलाई, 2025 तक, इसने एक साल का रिटर्न 8.23% दिया है। इसने तीन साल का CAGR 20.68% और पाँच साल का CAGR 26.08% दर्ज किया है।

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