कैसी है किम जोंग उन की खास ट्रेन, किन-किन देशों में जाती है?

किम जोंग उन की खास ट्रेन को सुरक्षा की दृष्टि से तैयार किया गया है कि हमले की स्थिति में नेता को ट्रेन में बचाया जा सके। इस विशेष ट्रेन का इस्तेमाल किम जोंग-उन ही नहीं, बल्कि उनके पिता किम जोंग-इल और दादा किम इल-सुंग भी करते थे।
उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता और तानाशाह ‘किम जोंग उन’ को दुनियाभर में उनकी रहस्यमयी जिंदगी के लिए जाना जाता है। एक तरफ जहां विश्व के बड़े-बड़े नेता किसी देश की यात्रा पर जाने के लिए हवाई जहाज का इस्तेमाल करते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ किंग जोंग उन प्लेन नहीं ट्रेन के जरिए सफर करते हैं। कई बार उनकी ट्रेन की यात्रा की तस्वीरें सामने आती हैं। अब वह सोमवार को उत्तर कोरिया की राजधानी से अपनी बख्तरबंद ट्रेन से 20 घंटे का सफर करके चीन पहुंचे हैं। यहां वह बीजिंग में भव्य मिलिट्री परेड में शामिल हुए।
दूसरे विश्वयुद्ध में जापान की हार के 80 वर्ष पूरे होने के मौके पर चीन की राजधानी बीजिंग में भव्य मिलिट्री परेड का आयोजन किया गया। तीन सितंबर को चीन हर साल विक्ट्री डे के तौर पर मनाता है। इसी मिलिट्री परेड में शामिल होने के लिए किम जोंग उन ट्रेन से बीजिंग पहुंचे हैं। किम जोंग उन की यह खास ट्रेन का रंह हरा है, जो किसी किले से कम नहीं है। ट्रेन में किसी राजा के किले की तरह सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
किम जोंग उन की खास ट्रेन को सुरक्षा की दृष्टि से तैयार किया गया है कि हमले की स्थिति में नेता को ट्रेन में बचाया जा सके। इस विशेष ट्रेन का इस्तेमाल किम जोंग-उन ही नहीं, बल्कि उनके पिता किम जोंग-इल और दादा किम इल-सुंग भी करते थे। आज हम आपको अपनी खबर में इस ट्रेन की कुछ खास बातें बताते हैं।
कहां-कहां जाती हैं किंम जोंग उन की खास ट्रेन?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग-उन की यह खास ट्रेन मुख्य तौर पर उत्तर कोरिया से चीन और रूस तक जाती है। किम जोंग उन ने 2019 में भी इसी ट्रेन से रूस और चीन की यात्राएं की थीं। सुरक्षा वजहों से यह ट्रेन सिर्फ उन देशों तक जाती है जहां सीधे रेल कनेक्शन मौजूद है। साथ ही जहां किम राजनीतिक या रणनीतिक कारणों से जाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ट्रेन मंगोलिया तक भी जा सकती है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की सकी है।
बुलेटप्रूफ है ट्रेन
यह विशेष ट्रेन बुलेटप्रूफ है और इसके हर डिब्बे को स्टील की मोटी परत से मजबूती दी गई है। ट्रेन में आधुनिक संचार तकनीक, सैटेलाइट फोन, बड़े मीटिंग हॉल, डाइनिंग कार और वाइन-बार तक मौजूद है। इस ट्रेन में प्राइवेट सुइट्स हैं। किम की सुरक्षा के लिए इस ट्रेन के साथ ही दो ट्रेनों का संचालन किया जाता है। पहली ट्रेन सुरक्षा कर्मियों और जांच दल के लिए होती है, तो वहीं तीसरी ट्रेन सप्लाई और अन्य सामान ले जाती है। पूरे काफिले के साथ ट्रेन चलती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह ट्रेन सिर्फ 60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है। सुरक्षा, ताकि रास्ते की पूरी जांच-पड़ताल के कारण ट्रेन की यह स्पीड रखी गई है। साथ ही किसी खतरे को टाला जा सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रेन पर प्रति किलोमीटर करीब 15–18 लाख भारतीय रुपये खर्च होता है।