कैथल थाने में पुलिस की बर्बरता: महिला की पिटाई के लगे गंभीर आरोप

कैथल में पुलिस पूछताछ के दौरान एक महिला की पिटाई के गंभीर आरोप सामने आए हैं। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि शनिवार को उसे एक युवती की गुमशुदगी के मामले में पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था, जहां महिला पुलिसकर्मी समेत तीन-चार अन्य पुलिसकर्मियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की।
परिजनों के अनुसार, महिला के पीठ, कमर, कंधे और पैरों पर गंभीर चोटें आई हैं और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। परिजनों ने बताया कि जब महिला को थाने से छोड़ा गया, तब वह अत्यधिक दर्द में थी और ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। पहले उसे एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां हालत बिगड़ने पर कैथल के सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया गया।
वर्तमान में महिला का इलाज जिला नागरिक अस्पताल, कैथल में चल रहा है। महिला के परिजनों ने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उधर, थाना प्रभारी ओम प्रकाश ने सभी आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि शनिवार दोपहर महिला को केवल पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था, जहां किसी तरह की मारपीट या जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। पूछताछ के बाद महिला को सकुशल वापस भेज दिया गया।
थाना प्रभारी ने कहा कि यदि थाने में पिटाई हुई होती तो परिजन उसी दिन उसे अस्पताल ले जाते, जबकि महिला को रविवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया, जो कथित घटना के लगभग 24 घंटे बाद की बात है। उन्होंने यह भी बताया कि थाने में हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और जांच के लिए फुटेज उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह के बेबुनियाद आरोपों से पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचता है और पुलिसकर्मियों का मनोबल गिरता है। थाना प्रभारी ने दोहराया कि पुलिस सदैव जनता की सेवा और सहयोग के लिए तत्पर रहती है, लेकिन ऐसे झूठे आरोप पुलिस-जन संबंधों को प्रभावित करते हैं।
महिला के परिजनों ने दोहराया कि घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और यदि सीसीटीवी फुटेज में सच्चाई सामने आती है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
अधिकारी के अनुसार
हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य रवि तारांवाली ने बताया कि सीवन क्षेत्र में एक दलित महिला पर अत्याचार का मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कैथल एसपी को फोन कर इस मामले में दिनभर में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग मामले में संज्ञान लेगा।