केंद्र से वन भूमि की मांग करना पड़ा भारी, ईको टूरिज्म केंद्र को लगा झटका
ईको टूरिज्म केंद्र के लिए वन भूमि की मांग करना राज्य सरकार को भारी पड़ गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य की इस योजना के लिए वन भूमि का प्रस्ताव तो स्वीकार नहीं किया, बल्कि इसकी जगह राज्य से समग्र ईको टूरिज्म प्लान मांग लिया है। राज्य का ईको टूरिज्म प्लान गैर वानिकी कार्य है और इसी वजह से वन भूमि का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था।
ईको टूरिज्म विकास निगम के माध्यम से राज्य में लैंसडोन वन प्रभाग के सेंधी खाल के पास और सेंज में हरिद्वार वन प्रभाग के अंतर्गत रसियाबड़ विश्राम गृह के पास ईको टूरिज्म के लिए हट आदि का निर्माण करना चाहता है। इसी तरह हरिद्वार वन प्रभाग के अधीन ही बाल वाटिका विकसित करने की योजना है। यह गैर वानिकी कार्य हैं। ऐसे में योजनाओं के लिए ईको टूरिज्म विकास निगम ने वन भूमि की मांग केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से की थी।