केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने यहां लोगों के लिए पेश की ये बेहतरीन मिसाल, पढ़े पूरी खबर

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने यहां लोगों के लिए बेहतरीन मिसाल पेश की। उनके कदम ने लोगों का दिल जीत लिया। वह सुल्तानपुर लोधी के गुरुद्वारा श्री बेर साहिब पहुंची थीं। उन्होंने आम श्रद्धालुओं के साथ कतार में खड़ी होकर गुरद्वारा साहिब में दर्शन किए। वह आधे घंटे से अधिक समय तक कतार में लगी रहीं और इस दौरान उन्होंले गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर की अलग से दर्शन के आग्रह को उन्होंने अस्वीकार कर दिया।
श्रद्धालुओं के साथ आधे घंटे तक कतार में खड़ी रहकर गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में दर्शन किए
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सुल्तानपुर लोधी के गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में सभी वीआइपी लाव लश्कर और सुरक्षा गार्डों को छोड़करदर्शन करने पहुंचीं। वह वहां पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं के साथ कतार में खड़ी हो गईं और अपनी बारी का इंतजार करती रहीं। गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर ने हरसिमरत कौर को कतार में देखा तो उनके सबसे पहले दर्शन करवा देने की पेशकश की। हरसिमरत ने बड़ी विनम्रता से इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद वह आधे घंटे से अधिक समय तक श्रद्धालुओं के साथ कतार में लगी रहीं और अपनी बारी आने पर दर्शन किए।
उनके साथ एसजीपीसी की पूर्व प्रधान जागीर कौर भी थीं। केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान गुरु नानक देव जी के तप स्थल भौरा साहिब और बाबा नानक की तरफ से लगाई बेरी के आगे भी माथा टेका और प्रसाद चढ़ाया। हरसिमरत ने दर्शन करने के बाद एसजीपीसी के नए दफ्तर में 550वें प्रकाश पर्व के प्रबंधों का जायजा भी लिया। श्री गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव को लेकर हर रोज हजारों की संख्या में संगत गुरुद्वारा श्री बेर साहिब पहुंच रहे हैं।
कहा, श्रद्धालुओं से 20 डॉलर लेकर श्रद्धा की कीमत वसूल रहे इमरान खान
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में हरसिमरत बादल ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर की चर्चा करते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संगत से 20 डॉलर लेकर श्रद्धा की कीमत वसूलना चाहते हैं। पाकिस्तान को सिखों की भावनाओं और श्रद्धा को बिजनेस के तौर पर नहीं देखना चाहिए। संगत के लिए खुले दिल से दरवाजे खोल कर गुरु की खुशियां प्राप्त करने के बारे में सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत आने वाले किसी श्रद्धालु से कोई टैक्स नहीं लेता है। पाकिस्तान को भी अपनी छोटी सोच को दूर कर संगत के लिए सुविधाएं मुहैया करवानी चाहिए। अगर ज्यादा संगत पाकिस्तान जाएगी तो भी तो पाकिस्तान को फायदा ही होगा। संगत पर टैक्स लगाना सरासर गलत है।