किसान जन जागरण अभियान : खेत – खलिहानों से सड़क तक कांग्रेस की धमक
किसान जन जागरण अभियान
उत्तर प्रदेश की सियासत बदल रही है। खेतों में फसलें तो पक ही रहीं हैं साथ ही साथ पक रहा है किसानों का सरकार के प्रति गुस्सा, नाराज़गी और रोष। उत्तर प्रदेश में किसानों की राजनीतिक गोलबंदी हुए अरसे बीत गए। किसानों की राजनीति को अस्मिता की राजनीति ने ढकेल कर हाशिये पर कर दिया। लेकिन राजनीति में सब तथ्य सही नहीं होते और ना ही तो गलत होते हैं। किसानों की राजनीति हाशिये पे जरूर गयी लेकिन सवाल सत्ता के सामने खड़े होते रहे। राजनीतिक मुद्दों पर नज़र रखने वालों का मानना है कि यूपीए सरकार में किसानों की कर्जा माफी योजना कांग्रेस के लिए बहुत ही मुफीद रही।
अगर आपकी नजर अखबारों की पर पड़ी होगी तो शायद कोई दिन रहा हो ज़िस दिन किसानों की समस्याओं पर कांग्रेसियों के संघर्ष की कहानी न छपी हो।
कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में किसान जनजागरण अभियान
किसान जनजागरण अभियान के तहत 2 करोड़ 72 लाख लोगों से संवाद करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसका करीब एक तिहाई से अधिक हिस्सा कांग्रेस ने पूरा कर लिया है। इस अभियान के तहत करीब 55 लाख किसान परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के 25 हज़ार कांग्रेस कार्यकर्ता गाँव-गाँव जाकर करेंगे किसानों से सम्पर्क करके किसान मांग पत्र भरवा रहे हैं।
12 हज़ार से अधिक नुक्कड़ सभा, 900 प्रेसवार्ता, 800 से अधिक प्रदर्शन-घेराव के लक्ष्य पूरा
इस अभियान में करीब 12 हज़ार नुक्कड़ सभों के जरिये किसान विरोधी सरकार के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हल्ला बोला। हर विधानसभा और संसदीय क्षेत्र में विधायक और सांसदों कांग्रेसियों ने किसानों की समस्याओं पर घेरा। 350 तहसील पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानो की समस्या को प्रमुखता से उठाया।