किश्तवाड़ में 60 शव मिले, तीसरे दिन भी बचाव अभियान जारी; केंद्रीय मंत्री ने किया दौरा

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शुक्रवार शाम किश्तवाड़ पहुंचे। सीएम ने आज आपदा प्रभावित चशोती गांव का दौरा किया। इलाके में हुए नुकसान का आकलन भी किया।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के एक सुदूर गांव चशोती में शनिवार को लगातार तीसरे दिन बचाव और राहत अभियान जारी है। इस गांव में 60 लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात के साथ शुक्रवार देर रात तबाह हुए गांव का दौरा किया और पुलिस, सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), नागरिक प्रशासन और ऊंचाई वाले इलाकों में काम कर रहे स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की।
अब तक 46 शवों की पहचान हो चुकी है और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। इस बीच, 75 लोगों के लापता होने की सूचना उनके परिवारों ने दी है, हालांकि स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि सैकड़ों लोग अचानक आई बाढ़ में बह गए होंगे और विशाल पत्थरों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब गए होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) शामिल हैं। यह आपदा 14 अगस्त को दोपहर लगभग 12:25 बजे मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के आखिरी गांव चशोती में आई।
एक दर्जन से ज्यादा वाहन भी बाढ़ में क्षतिग्रस्त
आपदा में एक अस्थायी बाजार, यात्रा के लिए एक लंगर (सामुदायिक रसोई) स्थल और एक सुरक्षा चौकी को तहस-नहस कर दिया। कम से कम 16 आवासीय घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, एक 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज्यादा वाहन भी अचानक आई बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गए।
25 जुलाई से शुरू हुई और 5 सितंबर को समाप्त होने वाली वार्षिक मचैल माता यात्रा शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी स्थगित रही। 9,500 फुट ऊंचे इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा और किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित चशोती से शुरू होती है।
नागरिक प्रशासन द्वारा लगभग एक दर्जन अर्थ-मूवर्स की तैनाती और एनडीआरएफ द्वारा विशेष उपकरणों और डॉग स्क्वॉड के इस्तेमाल से बचाव कार्य तेज़ कर दिए गए। यात्रा के बाद केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि “लंबी और थकाऊ चढ़ाई के बाद मैं किश्तवाड़ में बादल फटने की आपदा स्थल पर पहुंचने में कामयाब रहा… बहुत देर रात, लगभग आधी रात को।” उनके साथ डीजीपी भी थे और उन्हें चल रहे बचाव और राहत कार्यों की जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किया आपदा प्रभावित गांव का दौरा
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शुक्रवार शाम किश्तवाड़ पहुंचे। सीएम ने आपदा प्रभावित चशोती गांव का दौरा किया। साथ ही इलाके में हुए नुकसान का आकलन किया। अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
किश्तवाड़ के सुदूर पहाड़ी गांव में गुरुवार को भीषण बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें दो सीआईएसएफ कर्मियों सहित कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य फंस गए। बचावकर्मियों ने जी-जान से काम किया और मलबे के ढेर के नीचे से 167 लोगों को बाहर निकाला।
चशोती में बादल फटने की घटना के बारे में ली जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 38 की हालत गंभीर है। सूचना विभाग ने एक्स पर कहा कि मुख्यमंत्री किश्तवाड़ पहुंच गए हैं और स्थानीय लोगों से मिले हैं, इन लोगों ने चशोती में बादल फटने की घटना के बारे में जमीनी हालात की जानकारी साझा की है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि हमें जो भी सहायता चाहिए, केंद्र की ओर से उसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।”
सीएम अब्दुल्ला ने इसे एक बहुत बड़ी त्रासदी और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है। उन्होंने मौतों का आंकड़ा 60 और लापता लोगों का आंकड़ा 60 से 70 के बीच बताया है।
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, कुछ लोग आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है। मुख्यमंत्री ने मौतों के कारणों पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमें बैठकर इस पर भी चर्चा करनी होगी कि ऐसा क्यों हुआ।”
मौसम विभाग की ओर से मौसम की स्थिति के बारे में दी गई चेतावनियों की ओर इशारा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि क्या प्रशासन को इन अनमोल जानें बचाने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए थे। हमें साथ बैठकर इस बारे में बात करनी होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि वह बचाव अभियान की समीक्षा करेंगे और आकलन करेंगे कि आगे किस तरह की मदद की आवश्यकता है।